अल्मोड़ा। जिले के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए आभा एप से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया गया है, लेकिन फिर भी मरीज परेशान हैं। आयुष्मान योजना के तहत जिले में आभा आईडी बनाने की रफ्तार धीमी है। वर्ष 2018 से अब तक सिर्फ 3.75 लाख लोगों की ही आभा आईडी बन सकी है, जबकि पांच लाख से अधिक लोगों की आईडी बननी है। आईडी न बनने और योजना की जानकारी न होने से मरीज पर्ची काउंटर में लाइन में लगकर पर्ची कटवाने के लिए मजबूर हैं।
जिले के सरकारी अस्पतालों में अब आभा आईडी से पंजीकरण की व्यवस्था शुरू हुई है। व्यवस्था लागू तो कर दी गई है, लेकिन फिर भी पर्ची काउंटर में लोगों की भीड़ जुट रही है और उन्हें पर्ची कटवाने के लिए जूझना पड़ रहा है। जानकारी का अभाव और आभा आईडी न बनना इसकी प्रमुख वजह है।मंगलवार को ऑनलाइन पंजीकरण योजना के दावों की पड़ताल की। जिला अस्पताल में पर्ची काउंटर में लोगों की भीड़ जुटी रही। भीड़ अधिक होने से उन्हें पर्ची कटवाने के लिए खासी जद्दोजहद करनी पड़ी। बेस अस्पताल में भी यही हाल रहा। अधिकांश लोगों को योजना की जानकारी नहीं थी और उनकी आभा आईडी भी नहीं बनी थी।
यह है योजना
लोगों को मोबाइल पर आभा एप डाउनलोड करना होगा। अस्पतालों में पंजीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनकी आभा आईडी बननी चाहिए। जब लोग आभा एप और आईडी के माध्यम से पंजीकरण करेंगे तो उन्हें पर्ची काउंटर में लाइन नहीं लगानी होगी। काउंटर में पहुंचते ही उन्हें शुल्क जमा करना होगा और उन्हें तुरंत पर्ची मिल जाएगी।
केस एक
हवालबाग से पहुंची सीमा ने बताया कि उसे आभा आईडी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। किसी ने उसे यह जानकारी नहीं दी। ऐसे में पर्ची काटने के लिए लाइन में लगना पड़ा।
केस दो
चितई के रमेश ने बताया कि यदि उन्हें आभा आईडी के बारे में जानकारी मिलती तो वह निश्चित तौर पर ऑनलाइन पर्ची कटवाते और लाइन में नहीं लगना पड़ता। आभा आईडी भी नहीं बनी है।
कोट
जानकारी के अभाव में लोग आभा आईडी नहीं बना रहे हैं। योजना का प्रचार-प्रसार कर इस काम में तेजी लाने का प्रयास होगा। आभा एप के जरिए लोगों को कई तरह की सुविधा मिलेंगी। – डॉ. आरसी पंत, सीएमओ, अल्मोड़ा।