अधिकृत प्रतिनिधि ने हरिपुर स्थित दयानंद शिक्षा संस्थान की 8.38 एकड़ भूमि नौ लोगों को बेच दी। जमीन की रजिस्ट्री करवाने में दो लोग गवाह बने थे। पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य संबंधी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। संस्थान की ओर से शिकायत दर्ज करवाने के बाद तहसीलदार विकासनगर ने दाखिल खारिज को निरस्त कर दिया था। सेलाकुई थाना प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया कि शनिवार को दिल्ली के उत्तर पश्चिम के रोहिणी सेक्टर पांच निवासी अधिकृत प्रतिनिधि विजयंत कुमार सिंह ने शिकायत दी। उन्होंने बताया कि संस्था के स्वामित्व में 8.38 एकड़ भूमि सेलाकुई के हरिपुर गांव में है। कानपुर के शास्त्रीनगर निवासी प्रकाश नौटियाल पूर्व में संस्था का अधिकृत प्रतिनिधि था। वर्ष 2012 में संस्था ने उसे कुछ विशेष कार्यों के लिए अधिकृत किया था। उसे भूमि बेचने, गिरवी रखने और किराये पर देने आदि का अधिकार नहीं दिया गया था। उसने वर्ष 2012 की जाली पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर उस पर संस्था के तत्कालीन महामंत्री जगेंद्र स्वरूप के जाली हस्ताक्षर किए। इस पर कानपुर के शारदा नगर निवासी एससी शर्मा और सिविल लाइंस निवासी केबी दुबे ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए थे। उसने भूमि को दिल्ली के नजफगढ़ के जय विहार निवासी रामकुमार, विक्रम सिंह, रुद्रप्रयाग के खेड़ाखाल के मोल्टा पोस्ट निवासी लोकपाल सिंह, दिल्ली के न्यू सीमापुरी डीडीए क्वार्टर निवासी नीलम देवी, महेश्वरी, दिल्ली की दिलशाद कॉलोनी निवासी मीना रावत, रुद्रप्रयाग निवासी सुनीता देवी, बुलंदशहर के मयूर विहार निवासी रितु और पौड़ी-गढ़वाल के खंडखिल गांव निवासी जगमोहन सिंह को बेच दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
अधिकृत प्रतिनिधि ने दयानंद शिक्षा संस्थान की 8.38 एकड़ भूमि नौ लोगों को बेची
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