Friday, December 19, 2025
advertisement
Homeउत्तराखण्डसातताल के जंगल में टाइगर दिखने से दहशत जवानों ने लगाई वर्चस्व...

सातताल के जंगल में टाइगर दिखने से दहशत जवानों ने लगाई वर्चस्व की दहाड़ तो बूढ़े बाघ को चढ़ना पड़ा पहाड़

बाघों की बढ़ती संख्या के कारण मैदान के जंगलों में उनको पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है। ऐसे में कम उम्र के बाघ वन क्षेत्र पर कब्जा कर रहे हैं। इस कारण उम्रदराज बाघ शिकार के लिए पहाड़ियों पर चढ़ रहे हैं। सातताल में बृहस्पतिवार सुबह जंगल से लगे इलाके में बाघ के दिखने के बाद से लोगों में दहशत है। लोगों ने बाघ के विचरण का वीडियो बना लिया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सूचना पर वन विभाग ने गश्त शुरू कर दी है। सातताल और नौकुचियाताल के जंगलों में वर्ष 2018 के बाद से बाघों का मूवमेंट बना हुआ है। सातताल में पिछले साल एक साथ बाघ, बाघिन और उसके तीन बच्चों को देखा गया है। नौकुचियाताल के सिलौटी, चनौती में पिछले वर्ष बाघिन के हमले में एक महिला की मौत हुई थी। जंगलियागांव में भी वन्यजीव को लोगों ने कैमरे में कैद किया था।विशेषज्ञों के अनुसार जंगल का नियम है कि जो शक्तिशाली होगा वही राज करेगा। कम उम्र के बाघ बूढ़े बाघों को खदेड़ रहे हैं। इस कारण ये लगातार पहाड़ चढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों की मानों तो पहाड़ पर बाघों को आसानी से शिकार मिल जाता है। इसी कारण वन विभाग की ओर से सातताल क्षेत्र में भी बाघों की गणना की जा रही है।

अध्ययन में भी मिले प्रमाण
बीते वर्षों में डिस्परसल कम्युनिकेशन एंड कंजरवेशन स्टडीज फॉर टाइगर इन कुमाऊं हिमालय अध्ययन के जरिये वन विभाग और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को नैनीताल, अल्मोड़ा और चंपावत जिले में बाघों के पहुंचने के पुख्ता साक्ष्य मिल चुके हैं। अध्ययन में नैनीताल में पंगूट, सातताल, बेतालघाट, अल्मोड़ा और चंपावत की पहाड़ियों में बाघों की मौजूदगी मिली है।

बर्ड वॉचिंग पर लगाई गई रोक
बाघ के मूवमेंट के कारण वन विभाग ने सातताल क्षेत्र में बर्ड वॉचिंग पर रोक लगा दी है। रेंजर विजय मेलकानी ने बताया कि सातताल में बाघ की मौजूदगी का पता चलने पर वनकर्मियों की टीम को मौके पर भेजा गया है। क्षेत्र में पांच ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। इससे बाघों की संख्या पता चलेगी। उन्होंने लोगों से अकेले घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की हैं।तराई के जंगलों में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है। युवा बाघ वन क्षेत्र में कब्जा कर बूढ़े बाघों को खदेड़ रहे हैं। पहाड़ में बाघों को पर्याप्त शिकार और पानी मिल रहा है। कारण बाघ आबादी में पहुंच रहे हैं। पहाड़ के जंगलों में बाघों का बढ़ना चिंता का विषय है। – दिनकर तिवारी, सेवानिवृत्त डीएफओ।

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine
https://bharatnews-live.com/wp-content/uploads/2025/10/2-5.jpg





Most Popular

Recent Comments