अंकिता भंडारी हत्याकांड में ज्वालापुर (हरिद्वार) से भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की पत्नी उर्मिला के कथित बयानों में वीआईपी के नाम उजागर होने से राजनैतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। दो दिन बीतने के बाद भी सरकार की ओर से कार्रवाई न होने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला फूंक कर आक्रोश व्यक्त किया। रेलवे रोड स्थित कांग्रेस भवन कार्यालय के बाहर कार्यकर्ता एकत्रित हुए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला फूंका। कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला और मधु जोशी ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी के रूप में भाजपा के बड़े नेता का नाम उजागर होने के बाद भी भाजपा सरकार चुप्पी साधे बैठी है, जिससे इस प्रकरण में कहीं न कहीं भाजपा सरकार की मिलीभगत की आशंका है। प्रदेश भर में आक्रोश का माहौल है।
अंकिता हत्याकांड कोई सामान्य अपराध नहीं, बल्कि सत्ता के संरक्षण में हुआ एक जघन्य अपराध है, जिसमें प्रभावशाली लोगों को बचाने का प्रयास किया गया। भाजपा सरकार शुरू से ही इस मामले में सच को दबाने और दोषियों को संरक्षण देने का कार्य कर रही है, जिसको कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी।पूर्व महानगर अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत ने कहा कि यह लड़ाई केवल अंकिता भंडारी के लिए नहीं, बल्कि प्रदेश की हर बेटी के सम्मान और सुरक्षा की है। यदि दोषियों को सख्त से सख्त सजा नहीं दी गई तो यह सरकार बेटियों की सुरक्षा में पूरी तरह विफल मानी जाएगी। भाजपा सरकार लगातार इस मामले को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। इस हत्याकांड में शामिल सभी बड़े भाजपा नेताओं की भूमिका की निष्पक्ष जांच हो और जो इसमें शामिल हो उन्हें कठोर सजा दी जाए। इस मौके पर प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा, बैसाख सिंह पयाल, विजयपाल रावत, सरोजनी थपलियाल, ललित मोहन मिश्र, प्यारेलाल जुगरान, मनोज गुसाईं, भगवान सिंह पंवार, ऋषि सिंघल, मनीष जाटव, कमलेश शर्मा आदि शामिल रहे।







