ऊधमसिंह नगर जिले में अवैध रूप से मैन पावर सप्लाई के मामलों पर जीएसटी विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। लंबे समय से मिल रही शिकायतों और इनपुट के बाद विभाग ने फर्जी बिलिंग और कागजी कंपनियों के जरिये टैक्स चोरी करने वाले मैन पावर सप्लायरों के खिलाफ व्यापक जांच शुरू कर दी है।अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियों से न केवल राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है बल्कि ईमानदार कारोबारियों को भी प्रतिस्पर्धा में नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिले में सौ से अधिक फर्जी कंपनियां सिर्फ टैक्स चोरी के लिए महज कागजों में ही चल रही हैं। जांच के दौरान सामने आया कि कुछ मैन पावर सप्लायर बिना किसी वैध पंजीकरण और वास्तविक कर्मचारियों के नाम पर कंपनियां बनाकर उद्योगों और संस्थानों को श्रमिक उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं।इसके बदले में ये सप्लायर फर्जी जीएसटी बिल जारी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत लाभ उठा रहे हैं। कई मामलों में कर्मचारियों का ईपीएफ, ईएसआई जमा नहीं किया जा रहा जबकि कागजों में सब कुछ वैध दिखाया जा रहा है।
कहां चल रहा कितना फर्जीवाड़ा
विकासखंड फर्जी कंपनियों की संख्या
सितारगंज 13
खटीमा 10
किच्छा 16
गदरपुर 14
बाजपुर 10
जसपुर 10
काशीपुर 17
जसपुर 8
अर्बन क्षेत्र 12
अब साइबर विशेषज्ञों की ली जा रही मदद
ऐसे नेटवर्क को तोड़ने के लिए जीएसटी विभाग विशेषज्ञों की मदद ले रहा है। डिजिटल ट्रांजेक्शन, बैंक खातों, मोबाइल लोकेशन, आईपी एड्रेस और जीएसटी पोर्टल की गतिविधियों का विश्लेषण किया जा रहा है। तकनीकी जांच से फर्जी कंपनियों के पीछे काम कर रहे असली संचालकों की पहचान की जा रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि कई सप्लायर एक ही पते पर दर्जनों कंपनियां दिखाकर करोड़ों रुपये का लेनदेन कर रहे हैं। इन कंपनियों के निदेशक या प्रोप्राइटर या तो फर्जी हैं या फिर ऐसे लोग हैं जिनकी आर्थिक स्थिति और पृष्ठभूमि इस तरह के बड़े कारोबार से मेल नहीं खाती। जांच में दस्तावेज पर हैंडराइटिंग, डिजिटल सिग्नेचर और बैंक रिकॉर्ड की भी पड़ताल की जा रही है। जीएसटी विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में जिले में विशेष अभियान चलाया जाएगा। संदिग्ध मैन पावर सप्लायरों के ठिकानों पर छापे मारे जाएंगे, रिकॉर्ड जब्त किए जाएंगे और पूछताछ की जाएगी।फर्जी मैन पावर सप्लायरों के खिलाफ जांच की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। अंतरराज्यीय स्तर पर विभागीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर टैक्स चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाया जाएगा। जल्द ही अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की जाएगी। – विनय प्रकाश ओझा, उपायुक्त (प्रवर्तन)







