Sunday, December 28, 2025
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उन्नाव दुष्कर्म केस CJI सूर्यकांत करेंगे अगुवाई कुलदीप सेंगर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई

उन्नाव दुष्कर्म केस में दोषी ठहराए गए और आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को राहत देने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सोमवार, 29 दिसंबर को शीर्ष अदालत सीबीआई की उस याचिका पर विचार करेगी, जिसमें सेंगर की सजा निलंबन और जमानत को चुनौती दी गई है।सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट के मुताबिक, इस अहम मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल होंगे। सीबीआई के साथ-साथ अधिवक्ता अंजली पटेल और पूजा शिल्पकर की ओर से दायर एक अलग याचिका पर भी अदालत सुनवाई करेगी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने रिहा करने के दिए थे आदेश
दरअसल, 23 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को अपील के निपटारे तक निलंबित कर दिया था। अदालत ने यह दलील दी कि कुलदीप सिंह सेंगर करीब सात साल पांच महीने जेल में बिता चुका है। हाई कोर्ट ने जमानत के साथ कई सख्त शर्तें भी लगाई थीं। अदालत ने सेंगर को 15 लाख रुपये के निजी मुचलके और तीन जमानतदारों के साथ रिहा करने का आदेश दिया था। साथ ही निर्देश दिया गया था कि वह पीड़िता के दिल्ली स्थित घर से पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएगा और न ही पीड़िता या उसकी मां को किसी भी तरह से धमकाएगा। शर्तों के उल्लंघन पर जमानत स्वतः रद्द हो जाएगी। सीबीआई ने 26 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि हाई कोर्ट का आदेश पीड़िता के न्याय और सुरक्षा के लिहाज से गंभीर सवाल खड़े करता है। एजेंसी ने दलील दी कि सजा निलंबन से पीड़िता और उसके परिवार में डर का माहौल बन सकता है।

पीड़िता की मां ने किया प्रदर्शन
इस बीच, पीड़िता की मां ने भी कुलदीप सिंह सेंगरकी जमानत का विरोध करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। गौरतलब है कि कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर 2019 में उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराया गया था। हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद वह फिलहाल जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा काट रहा है, जिसमें उसे राहत नहीं मिली है।

अरावली पर्वतमाला मामले में कल सुप्रीम सुनवाई
अरावली पर्वतमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ सुनवाई करेगी। पीठ में सीजेआई के अलावा जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह होंगे। अरावली दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत शृंखलाओं में से एक है, जो 700 किलोमीटर लंबी है। यह दिल्ली-एनसीआर को थार रेगिस्तान की धूल और मरुस्थलीकरण से बचाने वाली प्राकृतिक ढाल है। हाल में सरकार की 100 मीटर ऊंचाई वाली नई परिभाषा पर भारी विवाद खड़ा हुआ था, जिसके बाद अरावली को लेकर कई इलाकों में प्रदर्शन किए गए। हालांकि, केंद्र सरकार लगातार कह रही कि अरावली को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है। सरकार ने अरावली की अखंडता बचाने का वादा किया है। सरकार का लक्ष्य अनियमित माइनिंग को पूरी तरह रोकना है।

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