गूलरभोज। जनजाति की आईटीआई की चहारदीवारी को दबंगई से तोड़कर रास्ता बनाया गया था। इससे जनजाति के लोगों में रोष पैदा हो गया। अप्रैल में बुक्सा आदिम जनजाति उत्थान समिति के पदाधिकारियों ने जनजाति निदेशालय, डीएम व एसडीएम से मामले की शिकायत की। सरकारी संपत्ति को जबरन खुर्दबुर्द किए जाने व तत्कालीन अधीक्षक की ओर से कोई विरोध या शिकायत न करने को लेकर निदेशालय ने गंभीरता से लिया। मामले की जांच अपने स्तर से कराई। इधर, डीएम के निर्देश पर छह सदस्यीय जांच टीम को दो मई को मौके पर भेजकर परिसर की नपत व जांच कराई और आख्या निदेशालय भेजी गई। जनजाति की आईटीआई की चहारदीवारी तोड़कर किए गए अतिक्रमण का मामला तूल पकड़ने के बाद जनजाति निदेशालय ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए।
इस पर तहसील व पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया। दबंगई से तोड़ी दीवार को प्रशासन ने फिर से बनवाया। जांच में भूमि पर अतिक्रमण मिलने पर जनजाति निदेशालय ने आईटीआई को अतिक्रमण को तुरंत प्रभाव हटाकर पुनः दीवार बनाने के निर्देश दिए। शुक्रवार को पुलिस बल व तहसीलदार लीना धामी की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाकर दीवार को फिर से खड़ा किया गया। वहां पर पटवारी ज्योति, अधीक्षक वीरेंद्र कुमार आदि थे। तहसीलदार लीना धामी ने बताया कि आईटीआई की दीवार तोड़कर किए गए अतिक्रमण को जिलाधिकारी के निर्देशों के बाद ध्वस्त कर अवैध रास्ते को बंद कर दिया है। दीवार को तोड़े जाने के मामले की जांच चल रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।