Wednesday, December 31, 2025
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अधिकार पर उठे सवाल बीएमसी आयुक्त के कोर्ट कर्मियों की चुनावी ड्यूटी लगाने से हाईकोर्ट नाराज

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी कमिश्नर द्वारा जारी उस चिट्टी पर रोक लगा दी है, जिसमें कमिश्नर ने निचली अदालत के कर्मचारियों को भी चुनाव ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने बीएमसी कमिश्नर के अदालत कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर बुलाने के अधिकार पर भी सवाल उठाया है।

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आवास पर हुई विशेष सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस अश्विन भोबे की पीठ ने मंगलवार रात को मुख्य न्यायाधीश के आवास पर हुई विशेष सुनवाई के दौरान कहा कि बीएमसी कमिश्नर, जो जिला चुनाव अधिकारी के तौर पर भी काम कर रहे हैं, उन्हें हाईकोर्ट या निचली अदालत के स्टाफ को चुनाव ड्यूटी के लिए उनकी सेवाओं की मांग करते हुए कोई भी पत्र या संचार का अन्य कोई भी माध्यम जारी करने से रोका जाता है। पीठ ने कहा, हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने सितंबर 2008 में फैसला किया था कि हाईकोर्ट और निचली अदालत के स्टाफ को चुनाव ड्यूटी से छूट दी जाएगी। उच्च न्यायालय ने बीएमसी कमिश्नर के पत्र पर स्वतः संज्ञान लेकर यह सुनवाई की।

अनुरोध के बावजूद बीएमसी कमिश्नर नहीं माने
गौरतलब है कि जिस दिन बीएमसी कमिश्नर ने चिट्ठी जारी की, उसी दिन चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने बीएमसी कमिश्नर और मुंबई के कलेक्टर को सूचित किया कि हाईकोर्ट के निचली अदालतों के स्टाफ के बारे में लिए गए एक प्रशासनिक फैसले के तहत, कोर्ट स्टाफ को चुनाव ड्यूटी से छूट देने का अनुरोध किया गया है। इसके बावजूद बीएमसी कमिश्नर ने 29 दिसंबर को निचली अदालत के स्टाफ को चुनाव ड्यूटी से छूट देने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया।

हाईकोर्ट ने कमिश्नर से मांगा हलफनामा
सुनवाई के दौरान बीएमसी की तरफ से पेश वकील कोमल पंजाबी ने कमिश्नर द्वारा जारी पत्र को वापस लेने की मांग की, लेकिन उच्च न्यायालय ने अनुरोध अस्वीकार कर दिया। हाईकोर्ट ने बीएमसी कमिश्नर को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें उन शक्तियों का उल्लेख करने को कहा गया है, जिनके तहत कमिश्नर ने अदालत के स्टाफ को चुनाव ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने चुनाव आयोग, राज्य चुनाव आयोग और महाराष्ट्र सरकार को भी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट अब इस मामले पर 5 जनवरी को सुनवाई करेगा। भारत के संविधान के अनुच्छेद 235 के तहत, हाई कोर्ट अधीनस्थ अदालतों, जिसमें स्टाफ भी शामिल है, पर पूरा नियंत्रण और निगरानी का अधिकार रखता है, और इसी आधार पर कोर्ट स्टाफ को चुनाव ड्यूटी से छूट देने का आदेश पारित किया गया था।

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