काशीपुर। कुमाऊं गढ़वाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री उत्तराखंड (केजीसीसीआई) ने नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम 2.0 (एनएपीएस) में किए गए सुधारों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय हल्द्वानी के साथ एक सेमिनार का आयोजन किया। मंगलवार शाम को बाजपुर रोड स्थित चैंबर भवन में आयोजित सेमीनार में केजीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आलोक कुमार गोयल ने कहा कि कौशल विकास उद्यमिता मंत्रालय का उद्देश्य कौशल विकास के इस तरह के स्थायी मॉडल के माध्यम से युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ावा देना है।
सिडकुल पंतनगर के जोनल चेयरमैन अनूप सिंह ने कहा कि इस स्कीम से उद्योग एवं छात्र दोनों को ही फायदा होगा। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के संयुक्त निदेशक मयंक अग्रवाल ने कहा कि एनएपीएस प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) कार्यक्रम का एक हिस्सा होगी, जो सभी प्रशिक्षुओं को सीधे तौर पर सरकारी सहायता प्रदान करेगी। मनीष नेगी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योगों को प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि कक्षा पांच से लेकर स्नातकोत्तर तक के छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए कोर्स तैयार किए गए हैं। वहां पर राजेश गौतम, संजीव कुमार, राजीव गुप्ता, आरसी पाल, सतीश कुमार, अनुज कुमार, जगप्रीत सिंह, गौरव आर्या आदि उपस्थित रहे।
युवाओं को प्रशिक्षत कर रोजगार के लिए करना चाहिए सहयोग : असावा
काशीपुर। केजीसीसीआई के महुआखेड़ा गंज के जोनल चेयरमैन अतुल असावा ने कहा कि एनएपीएस के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला है। सरकार इस पर विशेष जोर दे रही है। उद्योगों में ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित कर युवाओं का रोजगार के लिए सहयोग करना चाहिए। इससे उद्योग एवं युवाओं दोनों का ही लाभ होगा।