बेंगलुरु. बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका सुधार गृह का मामला अभी भी लोगों के जेहन में कैद है. नाबालिग बच्चियों और युवतियों के साथ बर्बरता की इंतहा पार करने वाली इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. अब कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. अनाथालय की आड़ में बड़ा रैकेट चलाने का सनसनीखेज खुलासा करने का दावा किया गया है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने खुद इस तरह के संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि NCPCR की टीम बेंगलुरु के अशवथ नगर (अमरज्योति लेआउट) में अवैध तरीके से संचालित अनाथालय पहुंची थी. NCPCR प्रमुख ने बताया कि अनाथालय में रहने वाली बच्चियों से बातचीत में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बेंगलुरु के अवैध अनाथालय के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘बेंगलुरु के अशवथ नगर में अवैध तरीके से अनाथालय चलाया जा रहा है. हमलोग एक अवैध अनाथालय की जांच पड़ताल कर रहे थे. वहां 20 बच्चियों को रखा गया था. उनमें से कुछ अनाथ थीं. उनलोगों ने (अनाथालय के संचालक) हमें जांच पूरी करने की अनुमति नहीं दी, ऐसे में वहां रहने वाली बच्चियों की सटीक संख्या में बारे में हम नहीं बता सकते हैं. हमलोगों ने बच्चियों से बात की. हमारी टीम की महिला सदस्यों ने बच्चियों से सीधी बात की.’ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीआरआई) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने आरोप लगाया कि अवैध अनाथालय में 20 लड़कियों को एक तरह से कैद कर रखा गया है.
‘कुवैत में रिश्ता लगवाती है’
प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा, ‘बातचीत के दौरान अनाथालय में रहने वाली एक बच्ची ने बताया कि यहां की एक उच्च पदस्थ महिला कुवैत में रिश्ता लगवाती है. मैंने वहां देखा कि बच्चियों को खाड़ी के देशों में शादी करने के लिए तैयार किया जाता है. हमें संदेह है कि इसमें मानव तस्करों का गिरोह संलिप्त है जो बच्चियों को शादी के बहाने खाड़ी के देशों में भेजता है.’ कानूनगो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि एनसीपीआरआई की टीम ने महिला सलमा द्वारा संचालित अनाथालय का औचक निरीक्षण किया था.
संगीन आरोप
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने कहा, ‘आज (यानी 15 मार्च 2024 दिन शुक्रवार) बेंगलुरु में एक अवैध अनाथालय के निरीक्षण के दौरान चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाता है, पूरे अनाथालय में कोई खिड़की या वेंटिलेटर नहीं है और लड़कियों को पूरी तरह से कैद करके रखा गया है.’ एनसीपीसीआई के अध्यक्ष के मुताबिक, अनाथालय में 20 लड़कियां थीं. उन्होंने कहा कि अनाथालय में आने से पहले कुछ लड़कियां स्कूल जाती थीं, लेकिन उनकी पढ़ाई बंद करा दी गई है.