वन प्रभाग के पांच रेंजों में नौ अलग-अलग स्थानों पर जंगल में आग लग गई। आग इतनी भीषण है कि उसे बुझाने के लिए वन विभाग ने 140 कर्मचारी लगाए हैं। आग से कई हेक्टेअर जंगल राख हो चुका है। आग बुझाने में लगी वन विभाग की टीम को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मसूरी वन प्रभाग के दो एसडीओ डॉ. उदय गौड़ और दिनेश नौडियाल फील्ड को निगरानी के लिए लगाया गया है। आग बुझाने में लगी वन विभाग की टीमों को सबसे बड़ी परेशानी तेज हवाओं से हो रही है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैल रही है। इसके अलावा कई स्थानों पर आग लगी है, जहां खतरनाक पहाड़ी ढलान है। वहां तक कर्मचारियों का पहुंचना मुश्किल हो रहा है। विभाग के मुताबिक वन प्रभाग के पांच रेंज में आग लगने की सूचनाएं हैं। नौ स्थानों पर जंगल धधक रहे हैं।
इसे बुझाने के लिए 140 कर्मचारी रात दिन काम कर रहे हैं। अधिकांश क्षेत्र ढंगारी, खतरनाक पहाड़ी होने के कारण आग बुझाने में समय लग रहा है। बताया कि आग से प्रभावित अधिकांश क्षेत्र ऐसा है, जहां पहुंचने के लिए दस-दस किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ रही है। टीमें रात को भी जंगल में डेरा डाले हुए हैं और आग बुझाने का प्रयास जारी है। मसूरी रेंज के सिल्ला क्षेत्र, रायपुर रेंज के रिंगालगढ, भद्रीगाड़ के कोटी, देवलसारी के क्यारी, जौनपुर के कांडा धनोल्टी क्षेत्र में आग की घटना हुई है। इसमें देवलसारी और जौनपुर भद्रीगाड़ में बीती रात से आग लगी है। साथ ही मसूरी और रायपुर क्षेत्र में शुक्रवार को आग की घटना हुई। एसडीओ डॉ. उदय गौड़ ने बताया कि आग की घटना कैसे हुई इसकी जांच की जाएगी। वन विभाग की पहली प्राथमिकता आग बुझाना है। आग के कारणों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि भद्रीगाड़ रेंज में हेमंत बिष्ट, जौनपुर रेंज में लाखी राम आर्य, देवलसारी रेंज में लतिका उनियाल, सिल्ला में जगजीवन लाल और रायपुर में राकेश नेगी की देखरेख में आग बुझाने का कार्य किया जा रहा। डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि आग बुझाने के लिए टीम मौके पर मौजूद है। कुछ स्थानों पर आग नियंत्रण में है कुछ स्थानों में आग बुझाने का कार्य लगातार जारी है।