वीकेंड और अतिक्रमण से लगे जाम में एक एबुलेंस फंसी रही, उसे रास्ता नहीं मिला। मरीज को लिए एंबुलेंस चालक सायरन बजाता रहा, लेकिन न ऑटो-विक्रम वालों ने साइड दी और न ही कार वालों ने। काफी देर बाद जब जाम खुला तक एंबुलेंस आगे बढ़ पाई। हर वीकेंड पर लगने वाले ऐसे जाम के लिए शहरवासी पुलिस प्रशासन और नगर निगम को जिम्मेदार बताते रहे। दोपहर 1:19 बजे कबीर चौरा आश्रम के बाहर ऋषिकेश से रामझूला की ओर जा रही एक एंबुलेंस जाम में फंसी रही। यह जाम लगने का कारण वीकेंड के साथ अतिक्रमण भी कहा जा रहा है। फुटपाथ पर बिरयानी बेचकर, सर्विस सेंटर चलाकर, किराये की स्कूटी लगाकर, दुकान के सामान लगाकर, साइनबोर्ड लगाकर राहगीरों का रास्ता रोका जा रहा है। इसी में शनिवार को एक एंबुलेंस भी फंस गई।
मालूम हो कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58/7 पर चंद्रभागा पुल से कैलाश गेट के मध्य फुटपाथ दुकानें संचालित की जा रही हैं। इससे हाईवे पर जाम लग रहा है। नगर निगम ऋषिकेश और नगर पालिका मुनि की रेती अपने क्षेत्र के फुटपाथों पर चल रही दुकानों का पीछे नहीं करवा पा रहा है। इस 800 मीटर के दायरे में सुबह से शाम तक जाम लगता रहता है। फुटपाथ पर अतिक्रमण होने के कारण पैदल चलने वाले पर्यटक और तीर्थयात्रियों को फुटपाथ के बजाय हाईवे पर चलने को मजबूर होना पड़ता है।
हाईवे पर अतिक्रमण करने वालों को मिलेगा नोटिस
हाईवे पर अतिक्रमण के कारण लग रहे जाम से निजात दिलाने के लिए यातायात पुलिस ने तरीका खोजा है। यातायात पुलिस अब चंद्रभागा पुल से कैलाश गेट तक हाईवे के फुटपाथों पर कब्जा कर कार, स्कूटी पार्क करने, दुकान लगाने, सामान लगाने, साइनबोर्ड लगाने वालों को धारा 133 के तहत नोटिस देगी। इस धारा के तहत हाईवे पर अतिक्रमण करने वालों को पुलिस के सामने पेश होना पड़ेगा। फुटपाथ पर अतिक्रमण खाली न करने वालों से यातायात पुलिस सख्ती से निपटेगी। यह जानकारी यातायात प्रभारी अनवर खान ने दी।