Thursday, November 6, 2025
advertisement
Homeउत्तराखण्डऊर्जा निगम ने किए हाथ खड़े मंडी समिति ने मांगा 50 लाख...

ऊर्जा निगम ने किए हाथ खड़े मंडी समिति ने मांगा 50 लाख का हर्जाना

रुद्रपुर। जिला प्रशासन ने मंडी परिसर की 23 दुकानों और तीन कोल्ड स्टोरेज में स्ट्रांग रूम और उसकी निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाया था। जिसके लिए दुकानों में नए सिरे से विद्युतीकरण किया गया था। इनमें बिजली की अंडरग्राउंड लाइन, स्वीच बोर्ड, पंखे, सीलिंग सब कुछ बदल दिया गया था, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद विद्युतीकरण के लिए लगाया गया सामान भी निकाल दिया गया था। चुनाव निपटने के बाद मंडी को संपत्ति सौंपी गई तो विद्युतीकरण की हालत खराब थी। मंडी सचिव विश्वविजय देव ने बताया कि 20 पंखे गायब हैं। नुकसान का आंकलन कराया तो 50.46 लाख का निकला है। इस पर ऊर्जा निगम को पत्र भेजा गया था, लेकिन उन्होंने अनावश्यक पत्राचार बताकर लौटा दिया। फिर से उनको पत्र भेजकर नुकसान की भरपाई को कहा जाएगा।

मंडी के आढ़ती राजीव मिड्डा ने बताया कि उनकी दुकानों की आंतरिक वायरिंग, स्वीच बोर्ड, मीटर सहित सारा सामान निकलवा दिया गया। उन्होंने मंडी समिति से मदद की मांग की, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला है। दुकानों में मीटर लग चुके हैं। फिलहाल आढ़ती अपने स्तर से व्यवस्था कर कारोबार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मंडी समिति की दुकानों, कोल्ड स्टोरेज में स्ट्रांग और कंट्रोल रूम बनाने के दौरान बिजली उपकरणों का सारा सिस्टम बदल दिया गया। चुनाव खत्म होने के बाद सिस्टम भी हटा दिया गया जिस पर मंडी समिति ने ऊर्जा निगम से 50.42 लाख का हर्जाना मांगा, लेकिन निगम ने इस कार्य की जिम्मेदारी उनकी नहीं होने का हवाला देते हुए हर्जाने के पत्र को ही गलत करार दे दिया। दोनों विभागों के बीच हर्जाने की जंग में मंडी के आढ़ती पिस रहे हैं और भीषण गर्मी में अपने स्तर से कामचलाऊ व्यवस्था के बीच कारोबार कर रहे हैं।

कोट
बगवाड़ा मंडी समिति के भीतर निर्माण से लेकर विद्युतीकरण के कार्यों का नोडल लोनिवि था। हमारे विभाग का काम ट्रांसफार्मर से मंडी तक निर्बाध बिजली आपूर्ति का था। मंडी समिति के भीतर जो भी विद्युतीकरण के कार्य नए सिरे से किए जाने की बात मंडी की ओर से की जा रही है, वह उन्होंने नहीं किए हैं। जब विभाग ने ये कार्य नहीं किए को उनसे नुकसान की एवज में भुगतान मांगने का सवाल ही नहीं होता है। मंडी समिति इस संबंध में लोनिवि या फिर शासन से पत्राचार करें। – विजय सकारिया, अधिशासी अभियंता, ऊर्जा निगम।

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine
https://bharatnews-live.com/wp-content/uploads/2025/10/2-5.jpg





Most Popular

Recent Comments