Wednesday, December 24, 2025
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जानें यूनिकॉर्न का क्या है मतलब यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुई रैपिडो

नई दिल्ली। यह तब हुआ है जब रैपिडो भारत भर के नए शहरों में अपनी ऑटो और कैब सेवाओं का विस्तार कर सकता है। राइड-हेलिंग स्टार्टअप रैपिडो एक यूनिकॉर्न बन गया है। रैपिडो ने अपने मौजूदा निवेशक वेस्टब्रिज कैपिटल के नेतृत्व में अपने लेटेस्ट सीरीज ई फंडिंग राउंड में लगभग 120 मिलियन डॉलर (1,000 करोड़ रुपये) जुटाए हैं।

रैपिडो की अगली योजनाएं क्या हैं?
यूनिकॉर्न का मतलब है एक निजी स्वामित्व वाला स्टार्टअप जिसकी कीमत 1 बिलियन डॉलर से अधिक है। रैपिडो जो ओला, उबर और नम्मा यात्री जैसे खिलाड़ियों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा करता है। नए फंडिंग का यूज अपने टेक स्टैक को विकसित करने और नए बाजारों में विस्तार करने के लिए करना चाहता है, जो पहले ओला और उबर के प्रभुत्व में थे। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रैपिडो वैश्विक निवेशकों से 20 मिलियन डॉलर और जुटाने की संभावना है।

रैपिडो के सफर पर एक नजर
रैपिडो की स्थापना 2015 में अरविंद सांका, पवन गुंटुपल्ली और ऋषिकेश एसआर ने की थी। ऑटो और बाइक टैक्सी एग्रीगेटर होने से लेकर बाद में कंपनी ने कैब के क्षेत्र में कदम रखा। इससे पहले 22 अप्रैल को रैपिडो ने स्विगी की अगुआई में सीरीज डी राउंड में 180 मिलियन डॉलर जुटाए थे। इसमें टीवीएस मोटर कंपनी, वेस्टब्रिज, शेल वेंचर्स और नेक्सस वेंचर्स भी शामिल हुए थे।

इस साल की अन्य यूनिकॉर्न कंपनियां
इस साल रैपिडो तीसरी यूनिकॉर्न कंपनी है, इससे पहले परफियोस और ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल की क्रुट्रिम एआई यूनिकॉर्न बन चुकी है। 2023 में, केवल दो नए यूनिकॉर्न थे- जेप्टो और इनक्रेड वेल्थ यूनिकॉर्न कंपनी बनी थी।

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