जिला मुख्यालय समेत आसपास के गांवों में पिछले पांच दिनों से गंदे और बदबूदार पानी की आपूर्ति होने से एक लाख से अधिक की आबादी परेशान है। लोगों के लिए नलों से टपकने वाले गंदे पानी का उपयोग करना खासा मुश्किल हो गया है। ऐसे में वे शुद्ध पानी के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों की दौड़ लगाने के लिए मजबूर हैं। नगर की करीब एक लाख की आबादी और आसपास के 25 से गांवों को कोसी बैराज में बनी लिफ्ट योजना से से पानी की आपूर्ति होती है। बारिश के चलते बैराज में सिल्ट जमा होने से लोगों की दिक्कत बढ़ गई है। सिल्ट जमा होने से लोगों के घरों में गंदे और बदबूदार पानी की आपूर्ति हो रही है इससे वे परेशान हैं। लंबे समय बाद भी सिल्ट की सफाई कर लोगों को साफ पानी उपलब्ध करना चुनौती बन गया है।
बीमारी फैलने का बढ़ा खतरा
बरसात के मौसम में गंदे पानी की आपूर्ति होने से बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक गंदे पानी से टायफाइड, पीलिया, डायरिया के मरीज बढ़ने लगे हैं। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. हरीश आर्या ने बताया कि इन दिनों इन रोगों से जूझते हुए हर रोज 30 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं इसकी मुख्य वजह गंदा और दूषित पानी है।
लगातार हो रही बारिश के कारण सिल्ट की समस्या पैदा हो रही है। उपभोक्ताओं को साफ पानी मिल सके इसके लिए फिल्टरेशन की प्रक्रिया भी बढ़ा दी गई है। – मंजुल मेहता, एई, जल संस्थान।