बागेश्वर। विशेष सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त ने चरस तस्करी के दो आरोपियों को दोष सिद्ध पाया और 20-20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही एक-एक लाख का अर्थदंड भी लगाया है।जुर्माना जमा नहीं करने पर छह-छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अभियोजन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, 12 अगस्त 2022 को झिरौली थानाध्यक्ष कैलाश नेगी अपनी पुलिस टीम के साथ कठपुड़ियाछीना क्षेत्र में गश्त पर थे। भोलना नाघर गांव में वाहन चेकिंग के दौरान बागेश्वर की ओर से एक स्कोडा कार यूके-06-एम-0027 आती दिखाई दी। पुलिस ने उसे रोका. कार में चालक के अलावा एक और व्यक्ति बैठा था। पुलिस ने उनसे वाहन के कागज मांगे। लेकिन वह कागजात घर में ही छूटने की बात करते रहे। इसके बाद पुलिस ने वाहन में रखे बैग को चेक करने की बात कही तो दोनों मामले को टालने लगे। पुलिस ने जब दबाव बनाया तो दोनों व्यक्ति कहने लगे कि गाड़ी के पीछे सीट पर जो बैग रखा है, उसमें हम दोनों की चरस है।
पुलिस की पूछताछ में चालक सीट पर बैठे व्यक्ति ने अपना नाम परविंदर सिंह राणा निवासी जोशीमठ चमोली और दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम पुष्कर सिंह ग्राम बाछम कपकोट, बागेश्वर बताया। इसके बाद सीओ शिवराज सिंह की मौजूदगी में उन्हें झिरौली थाना लाया गया. दोनों के पास से कुल सात किलो चरस बरामद हुई। पुलिस ने दोनों के खिलाफ 8/20 एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। साथ ही आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए गए। मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता गाोविंद बल्लभ उपाध्याय एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल पपोला ने की. मामले में 11 गवाह पेश किए। सोमवार को विशेष सत्र न्यायाधीन नरेंद्र दत्त ने पत्रावलियों का अवलोकन करने और गवाहों को सुनने के बाद दोनों को दोष सिद्ध पाया. दोनों को 20-20 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है।