पर्वतीय जिलों की स्वास्थ्य सेवा सीएचसी और पीएचसी पर निर्भर हैं। इनका हाल पहले से ही बदहाल है। ऐसे में अब आईपीएचएस (इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड) के मानकों के अनुसार इन अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट के पद खत्म कर दिए गए हैं। ऐसे में कुमाऊं के 18 सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीनें शोपीस बनकर रह जाएंगी। इससे सबसे अधिक परेशानी गर्भवतियों को होगी। उन्हें ये अस्पताल प्रसव के लिए पहले भी हायर सेंटर रेफर कर देते थे। अब हर महीने होने वाली अल्ट्रासाउंड जांच के लिए भी उन्हें 60 से 100 किमी दूर जिला अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ेगी। इससे उन्हें परेशानी तो होगी ही, गरीब परिवारों की जेब भी ढीली होगी। मरीज के साथ एक तीमारदार भी जिला अस्पताल उसके साथ जाएगा तो वाहन किराए और खाने-पीने का खर्च भी दोगुना होगा। गर्भवतियों को आने जाने में जो परेशानी झेलनी पड़ेगी वह अलग। पहाड़ पर तो प्राइवेट अस्प्तला भी नहीं हैं कि लोग वहां इन जांचों को करा सकें।
जिला सीएचसी अल्ट्रासाउंड मशीन
नैनीताल 08 05
पिथौरागढ़ 04 04
चंपावत 01 01
बागेश्वर 03 03
अल्मोड़ा 09 02
यूएस नगर 05 03
सीएचसी की जिला अस्पताल से दूरी और किराया
सीएचसी दूरी किराया
बाजपुर 40 60
गदरपुर 18 30
किच्छा 15 45
नानकमत्ता 56 105
सितारगंज 46 85
कांडा 25 70
कपकोट 24 100
बैजनाथ 22 40
लोहाघाट 13 35
टनकपुर 75 180
सोमेश्वर 40 80
सल्ट 155 350
देघाट 130 270
धौलछीना 34 85
धौलादेवी 40 100
कालाढूंगी 25 100
भीमताल 25 50
भवाली 18 80
रामगढ़ 25 130
गरमपानी 52 200
सुयालबाड़ी 65 250
बेतालघाट 70 300
पदमपुरी 50 100
हल्दूचौड़ 50 100
कोटाबाग 48 100
नैनीताल
कोटाबाग, कालाढूंगी, गरमपानी, पदमपुरी व भवाली में अल्ट्रासाउंड मशीनें।
भीमताल, ओखलकांडा, बेतालघाट, सुयालबाड़ी और रामगढ़ में अल्ट्रासाउंड मशीन हैं ही नहीं।
सीएमओ डॉ. हरीश चंद्र पंत बोले-अभी विभाग को रेडियोलॉजिस्ट का पद खत्म करने का कोई शासनादेश प्राप्त नहीं हुआ है।
अल्मोड़ा
सल्ट, देघाट, भिकियासैंण, सिलांगी, द्वाराहाट, चौखुटिया, धौलादेवी, जैंती और लमगड़ा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र।
इनमें दो सीएचसी चौखुटिया और द्वाराहाट में अल्ट्रासाउंड मशीनें।
चौखुटिया और द्वाराहाट क्षेत्र की करीब 40000 से अधिक की आबादी को भी 100 किमी दूर रानीखेत या अल्मोड़ा जाना पड़ेगा।
अल्मोड़ा के सीएमओ डा. आरसी पंत बोले किसी भी सीएचसी में रेडियोलॉजिस्ट का पद ही नहीं। वैकल्पिक व्यवस्था पर चौखुटिया और द्वाराहाट में यह सुविधा उपलब्ध थी लेकिन पद समाप्त होने के बाद अब जिला अस्पतालों में ही यह सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
बागेश्वर
तीनों सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन, दो में तैनात रेडियोलॉजिस्ट
कपकोट और बैजनाथ सीएचसी के दायरे में करीब 50-50 हजार और कांडा सीएचसी क्षेत्र में 20 हजार की आबादी है।
सीएमओ कुमार आदित्य तिवारी बोले-सीएचसी में रेडियोलॉजिस्ट के पद समाप्त होने की जानकारी नहीं है। इस तरह को कोई पत्र भी नहीं मिला है।
पिथौरागढ़
धारचूला में संयुक्त चिकित्सालय जबकि गंगोलीहाट, बेड़ीनाग, डीडीहाट, मुनस्यारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अल्ट्रासाउंड मशीनें हैं।
अल्ट्रासाउंड के लिए धारचूला, मुनस्यारी, गंगोलीहाट और बेड़ीनाग से पिथौरागढ़ आने पर लोगों को केवल टिकट में ही 1,000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
ऊधमसिंह नगर
जसपर, नानकमत्ता, गदरपुर, किच्छा और सितारगंज में हैं सीएचसी
नानकमत्ता और गदरपुर सीएचसी में नहीं है अल्ट्रासाउंड की सुविधा
जिले में रेडियोलॉजिस्ट के चार पद स्वीकृत। सात अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड मशीनें। – ये चार रेडियोलाजिस्ट सात अस्पतालों में दे रहे सेवा।
रेडियोलॉजिस्ट डॉ. विनय यादव जसपुर व बाजपुर, डॉ. खेमपाल काशीपुर, डॉ. अखिलेश सिंह जेएलएन जिला अस्पताल रुद्रपुर, डॉ. एचसी त्रिपाठी किच्छा और डॉ. केसी पंत सितारगंज व खटीमा उप जिला चिकित्सालय में करते हैं अल्ट्रासाउंड।
एसीएमओ डॉ. राजेश आर्या बोले- रेडियोलॉजिस्ट के नए पद शासन सृजित होने हैं। जिन अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं हैं, वहां के लिए डिमांड की गई है।
चंपावत
लोहाघाट और टनकपुर दोनों सीएचसी में मरीजों के अल्ट्रासाउंड होते हैं।
जिला अस्पताल में रोजाना 60 से अधिक मरीजों के अल्ट्रासाउंड होते हैं।
उप जिला अस्पताल लोहाघाट में 30 से अधिक और टनकपुर में रोजाना 25 से अधिक मरीजों की जांच होती है।
सीएमओ डॉ. देवेश चौहान ने बताया कि तीनों जगह अल्ट्रासाउंड नियमित रूप से किए जाते हैं।