देहरादून। रजिस्ट्री के फर्जीवाड़ा मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में करीब 18 जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान देहरादून में भी दो आरोपियों कमल विरामनी और इमरान के घर ईडी की टीम पहुंची थी। ईडी ने दो बिल्डरों जितेंद्र खरबंदा और अजय पुंडीर को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। उनसे ईडी कार्यालय में पूछताछ चल रही है और ईडी की यह कार्रवाई कुछ दिन और जारी रह सकती है।
क्या है पूरा मामला। जुलाई 2022 में पुलिस ने देहरादून जिला प्रशासन की जांच पर रजिस्ट्री के फर्जीवाड़ा से जुड़े एक के बाद 13 मुकदमे दर्ज किए थे। इनमें देहरादून में नामी वकीलों के नाम भी सामने आए थे। इस मामले में पुलिस ने वकील कमल विरमानी को गिरफ्तार भी किया था, जो करीब एक साल से जेल में बंद है। जनवरी 2024 में पुलिस ने इस मामले में ईडी को भी जांच के लिए लिखा था।
सबसे पहले वकील इमरान की हुई थी गिरफ्तारी। इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले वकील इमरान को गिरफ्तार किया था। इमरान ने पूछताछ में बताया कि इस मामले का सूत्रधार सहारनपुर का रहने वाला केपी सिंह है। केपी सिंह की सहारनपुर जिला जेल में तबीयत खराब होने से मौत हो गई थी। पूरे मामले में पुलिस ने करीब 20 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें राजस्व के नामी अधिवक्ता कमल विरमानी का नाम भी शामिल है। जबकि दो आरोपी असम, दो पंजाब, हरियाणा का रोहिताश, सहारनपुर का छोटा पंडित, मक्खन सिंह शामिल हैं। अब इस मामले में ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जिसके बाद शुक्रवार को ईडी ने यहां आरोपी अधिवक्ताओं के घर पर छापा मारा.इसके अलावा इस मामले से जुड़े अन्य लोगों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए हैं।ईडी ने यहां से बहुत से दस्तावेज बरामद किए हैं। इन सभी के ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा है. सहारनपुर में केपी सिंह के मकान पर भी ईडी पहुंची थी।
ईडी ने दो बिल्डरों को हिरासत में लिया। जानकारी के अनुसार एजेंसी ने दो बिल्डरों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इन बिल्डरों के नाम पुलिस जांच में सामने नहीं आए था। लेकिन, माना जा रहा है कि इन बिल्डरों का इस केस से गहरा संबंध है। लिहाजा ईडी अब इनसे पूछताछ में जुटी हुई है।
कोर्ट ने आदेश पर पुलिस ने दर्ज किए थे मुकदमे। बिल्डर जितेंद्र खरबंदा और अजय पुंडीर के खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में तीन मुकदमे दर्ज हैं। तीनों मुकदमे पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दर्ज किए थे. दोनों बिल्डरों पर आरोप है कि इन्होंने तीन बिल्डरों से 33 करोड़ रुपये की धोखधड़ी की है। दून वैली कॉलोनाइजर्स से 12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में तो पुलिस अंतिम रिपोर्ट (एफआर) तक लगा चुकी है। वहीं अब इस मामले को ईडी ने गंभीरता से लेते हुए दोनों आरोपियों से पूछताछ की है।अजय पुंडीर साल 2013 से ही जमीनों की खरीद-फरोख्त में जुड़ गया था। साल 2013-14 में तरला नागल में काश्तकारों की जो जमीन व्यावसायिक थी, उन्हें कृषि भूमि बताकर औने-पौने दामों में खरीद लिया था. इसके बाद उस जमीन को साल 2015 में बड़े बिल्डर को मोटे मुनाफे से बेच दिया।
जितेंद्र खरबंदा पर आरोप। दूसरे बिल्डर जितेंद्र खरबंदा ने साल 2020 में देहरादून में जमीनों की खरीद-फरोख्त शुरू की थी। आरोप है कि जितेंद्र खरबंदा ने थानी गांव, चालांग, ढाकपट्टी, हथडीवाला और धोरणखास में धोखाधड़ी से कई जमीनें खरीदी। जिसके बाद जांच में सामने आया है कि जितेंद्र खरबंदा ने जिस बालाजी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिल्डरों से एमओयू किया था, वह साल 2007 में ही बंद हो गई थी। आरोप है कि बंद पड़ी कंपनी के नाम पर एमओयू करके जितेंद्र खरबंदा को जो करोड़ों रुपये की धनराशि मिली थी, वह दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दी गई। अब ईडी ने इसी मामले को आधार बनाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
पीड़ित की शिकायत। पीड़ित मुकेश कुमार निवासी विवेक विहार दिल्ली ने थाना राजपुर देहरादून में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके परिचित जितेंद्र खरबंदा ने उनसे संपर्क कर बताया कि वह देहरादून में जमीन लेकर हाउसिंग सोसाइटी बनाने जा रहा है। उत्तराखंड में बाहर का व्यक्ति 250 गज से अधिक जमीन नहीं खरीद सकता. ऐसे में वह अपने सहयोगी अजय पुंडीर के सहयोग से जमीन खरीदेगा। क्योंकि वह उत्तराखंड का है।
19 करोड़ रुपए ठगे। आरोप है कि दिसंबर 2017 को जितेंद्र खरबंदा ने अंजनी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई और जमीन खरीदने के लिए अजय पुंडीर के खाते में धनराशि डालने के लिए कहा गया। मोटा मुनाफा देखकर उसने अलग-अलग तारीखों को अजय पुंडीर, बालाजी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, अजय खरबंदा, बालाजी इंफ्रा शाइन और अन्य के खातों में 19 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस मामले में जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो कोर्ट के आदेश पर 11 जुलाई 2024 को मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपी दून वैली कॉलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स कंपनी के निदेशक पटेलनगर निवासी प्रदीप नागरथ से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है। दून वैली कॉलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स कंपनी की तरला नागल में कंपनी की 36 बीघा भूमि है। जितेंद्र खरबंदा ने खुद को बालाजी डेवलपर्स कंपनी का निदेशक बताया और प्रदीप नागरथ को हाउसिंग प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया.आरोपी ने हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर प्रदीप नागरथ से 12 करोड़ के रुपये की धोखाधड़ी की थी। इस मामले में राजपुर थाना पुलिस ने 13 अप्रैल 2024 को आरोपी जितेंद्र खरबंदा, अजय खरबंदा,अजय पुंडीर, रीमा खुराना, सीमा खुराना सहित 11 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।