खटीमा। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के सीमांत क्षेत्र खटीमा में एनएसजी कमांडो के साथ जमीन खरीद में धोखाधड़ी हुई है। खटीमा की एक कॉलोनी के निवासी एनएसजी कमांडो ने 2022 में प्रॉपर्टी डीलर से जमीन खरीदी थी। प्रॉपर्टी डीलर ने जमीन के 24 लाख रुपए लिए थे। लेकिन एनएसजी कमांडो को जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया।
एनएसजी कमांडो के साथ जमीन फर्जीवाड़ा। बाद में पता चला कि जमीन किसी अन्य के नाम पर थी। एनएसजी कमांडो की तहरीर पर गुरुवार की शाम को खटीमा कोतवाली पुलिस ने हीरा चन्द पुत्र चन्द्री चन्द निवासी ग्राम बिचपुरी और गौरव तिवारी पुत्र प्रकाश तिवारी ब्रह्म कॉलोनी नौगवाठग्गू के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ये है पूरा मामला। बरी अंजनिया ब्रह्म कॉलोनी निवासी युवक ने तहरीर को एक तहरीर दी. तहरीर में कहा कि वह एनएसजी कमांडो है और मुम्बई में तैनात है। वो थारू जनजाति का व्यक्ति है। उसे हीरा चन्द पुत्र चन्द्री चन्द निवासी ग्राम बिचपुरी व गौरव तिवारी पुत्र प्रकाश तिवारी ब्रह्म कॉलोनी नौगवाठग्गू ने कहा कि उनकी जमीन गुलमोहर कॉलोनी सितारगंज रोड पर है। जिसकी वह प्लाटिंग कर बेच रहे हैं। जिसके वह मालिक काबिज हैं।
जमीन का फर्जीवाड़ा करके 24 लाख रुपए हड़पे। इन लोगों ने वहां एक प्लाट उसको दिखाया तथा उसको उक्त प्लाट पंसद आ गया। एनएसजी कमांडो ने दोनों लोगों की बात पर भरोसा करके प्लॉट का सौदा हीरा चन्द व गौरव तिवारी से 27 लाख रुपये में कर लिया. 20 सितंबर 2022 को उसने हीरा चन्द ने एक इकरारनामा भूमि बयाना उक्त प्लाट बावत तहसील सितारगंज में 100 रुपये के स्टाम्प पर लिखवाया तथा उसने 17 लाख रुपये पर्सनल लोन खाता संख्या से पर्सनल लोन के 16 लाख 50 हजार स्टाम्प लिखाकर नकद व ऑन लाइन भुगतान किए। 1 लाख 70 हजार व 3 लाख 10 हजार रुपये हीरा चन्द के घर जाकर दिये गये। गौरव तिवारी को भी ऑनलाइन पेमेन्ट से 2 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर किये। इस प्रकार उसने 24 लाख रुपये का पेमेन्ट हीरा चन्द व गौरव तिवारी किया है।
पैसे मांगने पर दी जान से मारने की धमकी। जब उसने इन लोगों से कहा कि बाकी की रकम लेकर उक्त प्लाट का रजिस्ट्री बैनामा उसके नाम पर कराओ तो वो टाल मटोल करने लगे। जब उसको शक हुआ तो वह मौके पर कब्जा लेने गया. तब पता चला कि जिस खतौनी को दिखाकर हीरा चन्द व गौरव तिवारी ने उससे सौदा किया था, वह जमीन उनकी नहीं है। वह जमीन किसी और की है। जब वह हीरा चन्द व गौरव तिवारी से उक्त रकम वापस मांगने गया तो उक्त लोगों ने वह रकम नहीं दी। धमकी देने के साथ गाली गलौज करते हुए उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है. कोतवाल मनोहर दसौनी ने बताया कि मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच चल रही है। जमीन धोखाधड़ी के मामले में बिचपुरी निवासी हीरा चन्द और ब्रह्म कॉलोनी नौगवाठग्गू निवासी गौरव तिवारी के खिलाफ धारा 420, 504, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच के बाद मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी. – मनोहर सिंह दसौनी, कोतवाल-
जमीन खरीदते समय बरतें ये सावधानियां। उत्तराखंड में जमीन फर्जीवाड़े के ढेरों मामले सामने आ रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि किसी के साथ जमीन जायदाद से जुड़े मामले में फ्रॉड न हो, इसके लिए सावधानी बरतना जरूरी है। पुलिस के मुताबिक, अगर आप जमीन ले रहे हैं, तो नीचे लिखी बातों का खास तौर पर ध्यान रखें।
इन बातों का ध्यान रखें
अगर आप कोई मकान, दुकान, प्लॉट या फ्लैट खरीद रहे हैं, तो सबसे पहले एक अच्छे वकील या अपने परिचित वकील से संपर्क जरूर करें।
हर प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज जरूर करवा लें। इस बात को वेरीफाई कर लें कि आपको दिए गए कागज सही हैं या नहीं।
जमीन के खसरा नंबरों की तहसील से प्रमाणित खतौनी जरूर हासिल करें। चेक करें कि इसमें विक्रेता का नाम जरूर हो। साथ ही विक्रेता की पहचान की पुष्टि भी कर लें।
जमीन का राजस्व अभिलेखों और मौके का मिलान जरूर कर लें. जिस संपत्ति को खरीदना है, उसकी दिशाओं को आस पड़ोस में अच्छी तरह पुष्टि करा लें. अभिलेखों में ये भी जांच लें कि विक्रेता के नाम जमीन अवशेष है या नहीं।
बैंक और पंजीयन कार्यालय से संबंधित जमीन पर कोई लोन तो नहीं है, इसकी जानकारी लें। साथ ही लोन मुक्त होने का प्रमाण पत्र भी अवश्य लें।
eregistrationukgov.in की साइट पर जाकर जमीन के क्रय-विक्रय पर किसी कोर्ट से कोई रोक तो नहीं है, इसकी पुष्टि कर सकते हैं।
जमीन खरीदने के बाद अपना नामांतरण या कब्जा तत्काल राजस्व अभिलेखों पर खतौनी में करा लें। जमीन का उप निबंधक कार्यालय में पंजीयन से पहले बाउंड्री वॉल भी करा लें।
ये भी जांच लें कि जो जमीन खरीदी है, उसी जमीन पर ही कब्जा दिया गया है या नहीं। साथ ही जमीन गोल्डन फॉरेस्ट, टी स्टेट और पर्ल ग्रुप कंपनी आदि की न हों।
जल्दबाजी में किसी भी कागज पर साइन न करें। कागजों को पूरा पढ़ें और मौके पर जाकर जमीन देखें. किसी अनजान प्रॉपर्टी डीलर पर तब तक भरोसा न करें, तब जब तक उसकी विश्वसनीयता आपको पता लग जाए।
जमीन के मुख्य मालिक से आप खुद ही मुलाकात करें। बिचौलिए की बातों में बिल्कुल न आएं. जरा सा भी फ्रॉड होने की आशंका होने पर तत्काल पुलिस या रजिस्ट्री ऑफिस से संपर्क साधें।