काशीपुर। न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज (सी.डि.) पायल सिंह की अदालत ने चेक बाउंस के मामले में दोनों पक्ष को सुनने के बाद धारा 138 के अंतर्गत अभियुक्त शहजाद आलम को दोषमुक्त कर दिया। मैसर्स श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी लिमिटेड काशीपुर ने अदालत में वाद दायर किया। इसमें कहा कि ट्रांसपोर्ट फाइनेंस का कार्य करती है। वहां विजय प्रताप सिंह असिस्टेंट रिकवरी मैनेजर का काम करते हैं। कंपनी ने विजय प्रताप सिंह को पावर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर्ड कर परिवाद दायर करने के अधिकार दिए हैं। आरोप लगाया कि अभियुक्त शहजाद आलम निवासी बाजपुर ने कंपनी से संपर्क कर एक स्वराज माजदा-2008 मॉडल फाइनेंस कराया।
अभियुक्त ने परिवादी कंपनी के साथ चार लाख 71 हजार 360 रुपये का एग्रीमेंट कराया। एग्रीमेंट के मुताबिक प्रत्येक महीने किस्त जमा होनी थी, लेकिन उसने किस्त जमा नहीं की। कंपनी ने अभियुक्त से एवार्ड की धनराशि चार लाख 20 हजार 497 रुपये अदा करने को कहा। तब अभियुक्त ने कंपनी को तीन लाख 70 हजार रुपये का एक चेक एचडीएफसी बैंक कटोराताल पंजाबी कॉलोनी चीमा चौराहा काशीपुर का दिया। बैंक में लगाने पर चेक बाउंस हो गया। तब परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में वाद दायर किया। अदालत में अभियुक्त ने बताया कि उसने साढ़े तीन लाख रुपये लोन वर्ष 2011-12 में लिया था जो चुका दिया। उसने यह चेक बतौर सिक्योरिटी दिया था। साथ ही उसे कोई नोटिस नहीं मिला।