धोरणखास स्थित गोल्डन फॉरेस्ट कंपनी की जमीन को अपनी बताकर कूटरचित दस्तावेज के जरिए बेचकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोप है कि बिना स्वामित्व के ही जमीन को फर्जीवाड़ा करके बेचा गया। मामले में राजपुर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।राजपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट ने बताया कि अरुण प्रताप सिंह नामित अधिकारी सहायक महानिरीक्षक निबंधन हरिद्वार की शिकायत पर स्वतंत्र स्वरूप निवासी गुजराड़ा मानसिंह राजपुर और राजीव दूबे निवासी सेवक आश्रम रोड डालनवाला के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
खुर्द-बुर्द करने की नियत से बेची गई
जांच में पाया गया कि स्वतंत्र स्वरूप के मुख्तारेआम राजीव दुबे ने गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया को भूमि 05 एकड़ स्थित मौजा धोरणखास 19 अक्तूबर 1995 को पंजीकृत विक्रय पत्र के जरिए बेची। स्वतंत्र स्वरूप ने यह विक्रय पत्र अपने द्वारा नियुक्त मुख्तारेआम राजीव दुबे के माध्यम से पंजीकृत कराया। जबकि यह भूमि गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 19 अक्तूबर 1995 को उप निबंधक कार्यालय देहरादून तृतीय में पंजीकृत है। स्वतंत्र स्वरूप के पास भूमि को विक्रय करने का अधिकार और स्वामित्व नहीं था।
यह भूमि गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया की भूमि हो थी। जबकि स्वतंत्र स्वरूप ने अपने मुख्तारेआम राजीव दुबे के माध्यम से पांच विक्रय पत्रों के माध्यम से भूमि को सुरेन्द्र उप्पल को बेच दी। आरोप है कि जानबूझकर गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया कंपनी की भूमि को खुर्द-बुर्द करने की नियत से बेची गई। जबकि भूमि उनके स्वामित्व में नहीं थी।भूमि को अपनी भूमि दिखाते हुए सुरेन्द्र उप्पल निवासी ओल्ड सर्वे रोड देहरादून को पांच विक्रय पत्रों के माध्यम से विक्रय की गई। जिसको विक्रय किये जाने का उनको कोई अधिकार नहीं था। इस प्रकार गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया कंपनी की भूमि को अपनी बताकर कूटरचित विक्रय पत्रों के माध्यम से विक्रय कर धोखाधड़ी की गई है।