ओखलकांडा के लोग जानलेवा सड़कों से पहले से ही अभिशप्त हैं। ऐसे में किसी दुर्घटना की स्थिति में मोबाइल नेटवर्क गायब होना इससे भी बड़ा अभिशाप सिद्ध हो जाता है। दुर्घटना की स्थिति में घायल किसी को दुर्घटना के बारे में बता भी नहीं सकते। सोमवार को भी बोलेरो खाई में गिरा तो नेवटर्क न होने से किसी को समय पर जानकारी नहीं दी जा सकी। घंटे भर बाद वहां मदद पहुंची मगर तब तक चार लोग मौके पर ही दम तोड़ चुके थे।इस पूरे इलाके का दम टूटा हुआ मोबाइल नेटवर्क लोगों की जान के लिए आफत बन रहा है, यह आज के दुर्घटना की हकीकत बनकर फिर सामने आया। जानलेवा सड़क और खराब मोबाइल नेटवर्क की यह जुगलबंदी आज नहीं सालों से यहां के लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही है। मोबाइल का सिग्नल लोगों के लिए जितनी दूर है, सुड़क सुविधाएं उससे भी दूर हैं। सोमवार को पटरानी में जिस जगह बरात का वाहन गहरी खाई में गिरा वहां सड़क बदहाल है।
दुर्घटना के बाद नेटवर्क नहीं होने से लोग हादसे की जानकारी समय से प्रशासन को नहीं दे पाए। इसको लेकर लोगों में सरकार, सांसद, विधायक, शासन-प्रशासन के लिए नाराजगी देखने को मिली। लोगों का कहना था कि सड़क पर डामर होता और सड़क चौड़ी होती तो वाहन अनियंत्रित होकर खाई में नहीं गिरता। घटना स्थल पर नेटवर्क नहीं होने से भी लोग हादसे की सूचना प्रशासन और पुलिस को समय से नहीं दे पाए।लोगों ने कहा कि ओखलकांडा में पूर्व में भी सड़क हादसों की वजह बदहाल सड़क रही है। नेटवर्क का न होना इसके बाद और बड़ी समस्या सामने आई। पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी, हरीशताल के पूर्व ग्राम प्रधान केडी रुवाली और कांग्रेसी नेता हरीश पनेरू ने कहा कि ओखलकांडा में बदहाल सड़कों के चलते आए दिन सड़क हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। सोमवार को भी बदहाल सड़क होने के चलते वाहन अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा। स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन की ओर से भी सड़कों को सही नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख और घायलों को उपचार के लिए उचित मुआवजा देने की मांग की है।
तीन मृतकों का मौके पर हुआ पोस्टमार्टम
ओखलकांडा के पटरानी में सड़क हादसे के बाद विधायक राम सिंह कैड़ा ने मौके पर पहुंचकर डीएम और सीएमओ से वार्ता कर मृतकों का पोस्टमार्टम मौके पर ही करने को कहा। सोमवार शाम को ही डॉक्टरों की टीम ने दीवान राम, पनुली देवी और डूंगर राम के शव का पोस्टमार्टम घटना स्थल पर किया।
देर से पहुंचने का आरोप गलत: एसडीएम
ओखलकांडा के पटरानी में सड़क हादसे के दौरान धारी एसडीएम केएन गोस्वामी नैनीताल में एक बैठक में थे। हादसे की सूचना मिलते ही एसडीएम घटनास्थल को रवाना हुए। घटना के बाद खनस्यूं और काठगोदाम पुलिस मौके पर रवाना हो गई थी। एसडीएम केएन गोस्वामी ने कहा कि प्रशासन और पुलिस का देर से पहुंचाने का आरोप गलत है।सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हुई है। घायलों को हल्द्वानी एसटीएच रेफर किया है। हादसे की प्रथम वजह सड़क का कम चौड़ीकरण होना है और जिस जगह से वाहन गिरा उस जगह तीव्र मोड़ था जिसके चलते वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिरा। – केएन गोस्वामी, एसडीएम धारी
घायलों के लिए देवदूत बनकर आए ग्रामीण
ओखलकांडा के पटरानी में बारात के वाहन के खाई में गिरने की सूचना मिलते ही क्षेत्र के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और खुद ही खाई में उतरकर वाहन के अंदर पड़े घायलों को निकालकर सड़क तक लाए। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा हादसे के एक घंटे बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन तब तक ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचा दिया था। कहा कि अगर प्रशासन और पुलिस की टीम पहले ही पहुंच गई होती तो शायद चार लोगों की जान बचाई जा सकती थी। क्षेत्र के बिशन परगाई ने कहा कि ग्रामीणों की मदद से घायलों को सड़क तक लाया गया। उन्होंने कहा कि बाद में घायलों को एंबुलेंस की मदद से हल्द्वानी एसटीएच रेफर किया गया। प्रशासन और पुलिस के एक घंटे देर से पहुंचने पर ग्रामीणों ने नाराजगी भी जाहिर की।
हादसे में मृतकों के नाम
डूंगर राम (65) पुत्र किशन राम निवासी गाजा
पनुली देवी (60) पत्नी बालीराम निवासी पटरानी
दीवान राम (48) पुत्र राम लाल निवासी गलनी गाजा
नंदराम (65) पुत्र रामलाल निवासी पटरानी। (नंदराम की एसटीएच में मौत)
हादसे में घायलों के नाम
चालक दयाकृष्ण (70) पुत्र पनीराम निवासी पटरानी, बरम राम (58) धर्मराम निवासी गलनी गाजा, पनीराम (40) दीवान राम निवासी पटरानी और बालीराम (70) लछी राम निवासी पटरानी के निवासी हैं।