श्यामलाल गुरुजी की लाश बरामद होने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को दोनों आरोपी अजय कुमार और धनराज को सुद्धोवाला जेल में दाखिल कर दिया। दोनों को श्यामलाल की लाश को साखन नहर में फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पुलिस ने बृहस्पतिवार को न्यायालय के आदेश पर दोनों को तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में लिया था। इस बीच पता चला कि लाश उत्तर प्रदेश पुलिस ने 16 फरवरी को बड़गांव (सहारनपुर) से बरामद कर लिया है। मीडिया में आई खबरों के बाद देहरादून पुलिस को सूचना दी गई थी। इसके आधार पर गुरुजी के परिजनों ने लाश की पहचान श्यामलाल गुरुजी के रूप में की थी।गत सात फरवरी को चंद्रबनी इलाके की रहने वाली निधि राठौर ने अपने पिता श्यामलाल गुरुजी की गुमशुदगी पटेलनगर थाने में दर्ज कराई थी। श्यामलाल दो फरवरी से लापता थे। ऐसे में पुलिस ने जांच की तो पता चला कि श्यामलाल ने उस दिन गीता नाम की महिला से बात की थी। वह उन्हें पहले से ही जानती थी।
सीसीटीवी फुटेज चेक की तो पता चला कि श्यामलाल उस दिन किशननगर चौक होते हुए गीता के घर तक पहुंचे थे। गीता जब वहां नहीं मिली तो पुलिस ने उसके मायके वालों से संपर्क किया। जब उसके भाई अजय कुमार से बात की तो वह शुरुआती पूछताछ में ही टूट गया और पुलिस को सारी कहानी बता दी। पता चला कि गीता ने उसे दो फरवरी को फोन किया था कि उसने किसी की हत्या कर दी है। व्यक्ति के शव को ठिकाने लगाना है। इस पर अजय कुमार ने अपने जीजा धनराज चावला को फोन कर अपने पास बुलाया। ये दोनों चार फरवरी को देहरादून आए और श्यामलाल की लाश को प्लास्टिक के बोरे में रखकर अपनी कार की डिग्गी में रख लिया। इसके साथ ही उनकी मोटरसाइकिल को आईएसबीटी के पास एक खाली प्लॉट में खड़ा कर दिया। इन बयानों के आधार पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और उनकी तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड कोर्ट से हासिल की। पुलिस कस्टडी रिमांड में उनसे लाश बरामद करने का ही प्रयास किया जा रहा था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि लाश को सहारनपुर से बरामद कर ली गई है। आरोपी अजय और धनराज को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर दोनों को सुद्धोवाला जेल में दाखिल कर दिया गया है।