लाहौर में अज्ञात लोगों ने उसे गोलियों से भून डाला। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया, जब वह अपनी कार से कहीं जा रहा था। बता दें कि उसने भारतीय नागरिक सरबजीत की धारदार हथियारों से हत्या कर दी थी। उसने आईएसआई के इशारे पर सरबजीत को मौत के घाट उतारा था।
लाहौर की सेंट्रल जेल में हुई थी सरबजीत की हत्या
दरअसल, भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत 2 मई 2013 को हुई थी। साल 1991 में पाकिस्तान की कोर्ट ने सरबजीत सिंह को लाहौर और फैसलाबाद में हुए चार बम धमाकों के आरोप में सजा सुनाई थी। इन धमाकों में करीब 10 लोगों की मौत हुई थी। मार्च 2006 में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सरबजीत की दया याचिका खारिज करते हुए उन्हें सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद लाहौर की सेंट्रल जेल में कुछ कैदियों ने सरबजीत पर हमला कर दिया था और पांच दिन बाद अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया था।
गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे सरबजीत
सरबजीत सिंह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव के रहने वाले थे। वे किसान था। 30 अगस्त 1990 को वह अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गए थे, जहां से उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। उस समय सरबजीत ने तर्क दिया था कि वह गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे।







