समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में विभिन्न सेवाओं के रजिस्ट्रेशन में भूमिका न होने से नाराज अधिवक्ता शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। फिलहाल, उनकी हड़ताल सब रजिस्ट्रार कार्यालयों, एडीएम और एसडीएम कार्यालयों तक सीमित रही। यह प्रथम चरण की हड़ताल थी, जिसमें देहरादून बार एसोसिएशन की अगुवाई में शुरू किया। बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में इस तरह की हड़ताल क्रमबद्ध तरीके से चलेगी। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने बताया कि गत पांच मार्च को गढ़वाल मंडल के सभी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव और बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के सदस्यों ने बैठक की थी। इसमें उन सब विषयों पर चर्चा की गई, जिनसे अधिवक्ताओं के भविष्य पर खतरा है। इनमें प्रमुख तौर पर यूसीसी में अधिवक्ताओं की भूमिका नहीं रही।
मसलन उनकी जरूरत शादी के रजिस्ट्रेशन में है और न ही संपत्ति की वसीयत आदि में। यही नहीं आगामी समय में सरकार ऑनलाइन रजिस्ट्री को लागू करने की बात कह रही है। इसमें भी अधिवक्ताओं का काम छिन जाएगा।बैठक में इस बात पर भी नाराजगी जताई गई कि बार काउंसिल की ओर से प्रदेशभर में अधिवक्ताओं की हड़ताल का आह्वान नहीं किया गया। जबकि, यह अधिवक्ताओं के हित के लिए आवश्यक था। इस तरह बार एसोसिएशन देहरादून ने निर्णय लिया है कि सभी बार एसोसिएशन चरणबद्ध तरीके से कार्यबहिष्कार करेंगे। इसके पहले क्रम में अधिवक्ताओं ने शुक्रवार से हड़ताल का बिगुल फूंक दिया है। इसमें सब रजिस्ट्रार कार्यालय, सभी राजस्व न्यायालयों, तहसील और एसडीएम न्यायालयों व कार्यालयों में किसी अधिवक्ता ने काम नहीं किया।अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए रण शुरू हो गया है। इसे अंतिम नतीजे तक पहुंचाकर रहेंगे और यह न्यायालयों के कार्यबहिष्कार और सचिवालय घेराव तक बढ़ाया जाएगा।I