राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्मॉग की मोटी परत छाई हुई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार दिल्ली में आज का एक्यूआई 463 है, जिसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है। वीडियो आनंद विहार का है। दिसंबर का महीना बीतने को है, लेकिन दिल्ली की हवा अब तक जहरीली बनी हुई है। इस महीने अब तक ऐसा एक भी दिन दर्ज नहीं हुआ, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 से नीचे रहा हो। पूरे दिसंबर में दिल्लीवासियों को मध्यम श्रेणी की हवा भी नसीब नहीं हुई। सीपीसीबी के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में अब तक करीब 20 दिन ऐसे रहे हैं, जब हवा की गुणवत्ता रेड जोन में दर्ज की गई। सीपीसीबी के मुताबिक, मध्यम श्रेणी की हवा तभी मानी जाती है, जब एक्यूआई 200 से नीचे हो, लेकिन इस महीने ऐसा एक भी दिन रिकॉर्ड नहीं किया गया। इसके उलट, पिछले साल इसी अवधि में हालात कुछ बेहतर थे। दिसंबर, 2024 में दिल्ली में छह दिन ऐसे दर्ज किए गए थे, जब हवा की गुणवत्ता ‘मध्यम’ रही थी।
दिसंबर 2024 में कुल आठ दिन एक्यूआई 200 से नीचे रहा था। वहीं आठ दिन ‘खराब’ और छह दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किए गए थे। आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 1 से 7 दिसंबर के बीच दिल्ली की हवा अधिकतर मध्यम से खराब श्रेणी में रही थी। सिर्फ एक दिन ऐसा था, जब एक्यूआई 300 के पार जाकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंचा, लेकिन अगले ही दिन स्थिति में सुधार देखने को मिला था।इस साल दिसंबर में हालात कहीं ज्यादा खराब हैं। 1 से 8 दिसंबर तक लगातार एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया, यानी हवा लगातार बहुत खराब रही। बीच में केवल दो दिनों के लिए थोड़ी राहत मिली, जब एक्यूआई ‘खराब श्रेणी तक नीचे आया, लेकिन 11 दिसंबर से प्रदूषण फिर रेड जोन में लौट गया और तब से वहीं बना हुआ है। इन दो दिनों को छोड़ दिया जाए, तो पूरे महीने दिल्ली की हवा अधिकतर समय बहुत खराब श्रेणी में रही है। सीपीसीबी के मानकों के मुताबिक, एक्यूआई 0 से 50 के बीच होने पर हवा को ‘अच्छा’, 51 से 100 ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 ‘गंभीर’ माना जाता है।







