बागेश्वर। 25 मई को पिथौरागढ़ के अस्कोट से शुरू हुई अस्कोट-आराकोट पदयात्रा बागेश्वर के सीमांत इलाकों में पहुंची है। दल में शामिल यात्री यात्रा के दौरान सीमांत के लोगों से प्राकृतिक आपदा, उसके प्रभाव के बारे में चर्चा कर रहे हैं। दो दलों में विभक्त यात्री पिथौरागढ़ के नामिक और होकरा से होकर बागेश्वर के लीती पहुंचे। यात्रा कर्मी, बदियाकोट, डौला, तीख, कुंवारी होते हुए गढ़वाल के चमोली जिले में प्रवेश करेगी। दल में शामिल रुद्रप्रयाग के कैलाश नौटियाल, फिल्म मेकर उमेश भट्ट, शोधार्थी अंकिता ओझा, गजेंद्र रौतेला, भास्कर उप्रेती, गायत्री बेरी, चिन्मय साह, रवि फुलारा ने लोगों से हर साल आने वाली आपदा और उसके प्रभावों पर तो चर्चा की ही, गांवों में हो रहे विकास और परिवर्तन पर भी जानकारी हासिल की। लीती से यात्री में उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के मंडलीय संयोजक भूपेंद्र कोरंगा भी शामिल हुए। कोरंगा ने यात्रा को सीमांत इलाकों के आकलन के लिए महत्वपूर्ण बताया।
दूरस्थ इलाकों में पहुंची अस्कोट-आराकोट यात्रा
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