नैनीताल। कोरोना काल में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए करीब डेढ़ करोड़ की लागत से बीडी पांडे अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट पांच महीने से ठप पड़ा है। अब कोराना के नए वेरिएंट से निपटने के लिए सिलिंडरों और ऑक्सीजन कंसंट्रेटरों का सहारा है। अस्पताल में मौजूद ऑक्सीजन सिलिंडरों को भी हल्द्वानी से भरवाया जा रहा है। कोरोना के नए वेरिएंट को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने शासन से ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को ठीक कराने के लिए पत्राचार किया है।कोरोना काल में शहर के बीडी पांडे अस्पताल में सेंट्रल ऑक्सीजन प्लांट सिस्टम स्थापित किया गया था, जिससे अस्पताल के 97 बेडों को सीधे जोड़ा गया था। हर वार्ड में मरीजों को प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन आसानी से मिल रही थी, लेकिन बीते दिनों चीन में नए वायरस के फैलने के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने इन्फ्लूएंजा व निमोनिया को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था।
स्वास्थ्य महानिदेशक की ओर से आदेश जारी कर अस्पतालों में व्यवस्थाएं जुटाने के निर्देश दिए थे। जब अस्पताल व्यवस्थाओं की तैयारियों में लगा तो पता चला कि डेढ़ करोड़ की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट ठप पड़ा है।इधर कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि प्लांट निर्माण के लिए पीएम स्तर से बजट आवंटित हुआ था। अब प्लांट ठीक कराने के लिए निदेशालय में पत्राचार किया गया लेकिन प्लांट ठीक नहीं हुआ। इसके चलते ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व सिलिंडर से वैकल्पिक व्यवस्था चलाई जा रही है।
कोट
अस्पताल में प्रतिमाह करीब दस सिलिंडर ऑक्सीजन की खपत होती है जिन्हें हल्द्वानी से लाया जाता है। अस्पताल में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से भी मरीजों को ऑक्सीजन दी जाती है। इसके मेंटेनेंस में सालाना करीब तीन लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। – डॉ. टीके टम्टा, पीएमएस, बीडी पांडे अस्पताल