Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्डइस वजह से हैं नाराज चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद...

इस वजह से हैं नाराज चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद बड़े आंदोलन की तैयारी में शिक्षक

राजकीय शिक्षक संघ चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। लंबित मांगों पर अमल न होने से नाराज संगठन का कहना है कि प्रदेशभर में ब्लॉक स्तर से आंदोलन शुरू किया जाएगा। राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के अध्यक्ष और महामंत्री को लिखे पत्र में कहा, वर्तमान में आदर्श आचार संहिता लगी होने की वजह से कई शासनादेश नहीं मिल पाए हैं।यही वजह है कि आहरण वितरण का अधिकार, चयन, प्रोन्नत वेतन में वृद्धि, कनिष्ठ, वरिष्ठ शिक्षकों की वेतन विसंगति, अटल चयनित शिक्षकों की पदस्थापना समेत कुछ अन्य मांगों पर अमल नहीं हो पाया है।

लंबित मांगों को लेकर दोनों मंडल कार्यकारिणी अपने मंडल की बैठक कर धरना-प्रदर्शन करने के लिए आचार संहिता के बाद अपने जिलों को स्पष्ट निर्देश जारी करेंगी और ब्लॉकों से प्रस्ताव प्राप्त कर मंडल को उपलब्ध कराएंगी।धरना कार्यक्रम सबसे पहले ब्लॉक स्तर पर उसके बाद जिला और फिर प्रांत स्तर पर होगा। संगठन के प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने कहा, प्रधानाचार्य के पदों पर विभागीय सीधी भर्ती के लिए सरकार की ओर से संगठन को विश्वास में नहीं लिया गया। यदि विभागीय सीधी भर्ती बहुत जरूरी थी तो इसके लिए नियमावली बनाते हुए सभी शिक्षकों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, शिक्षकों की मांग को लेकर मात्र आश्वासन मिल रहा है।

प्रांतीय कार्यकारिणी की होगी बैठक
संगठन ने प्रधाना चार्य के पद पर सीधी भर्ती नियमावली को समाप्त करने के लिए हाईकोर्ट में अलग-अलग दो याचिकाएं दाखिल की हैं। न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान के मुताबिक 11 मई को प्रांत मुख्यालय में प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। बैठक में सभी जिलों के अध्यक्ष और मंत्री एवं दोनों मंडलों के अध्यक्ष और मंत्री शामिल होंगे।

संगठन के खिलाफ बयानबाजी ठीक नहीं : पैन्यूली
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली ने कहा, लंबित मांगों को लेकर संगठन शासन व सरकार के साथ समन्वय बनाए हुए हैं, लेकिन कुछ शिक्षक सोशल मीडिया में संगठन के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments