Sunday, September 21, 2025
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बरसात से पहले सिल्ट और गंदगी से बजबजा रहा मुख्य बाजार का नाला

मुख्य बाजार स्थित नाला बरसात से पहले ही सिल्ट और गंदगी से बजबजा रहा है। होटल, रेस्टोरेंट समेत कई प्रतिष्ठानों के सीवर पाइप सीधा नाले में खुले हैं। फरवरी में नाले की सफाई और मरम्मत के नाम पर केवल लीपापोती की गई थी। उस समय व्यापारी शिकायत करते रहे, लेकिन अधिकारी और कार्यदायी कंपनी दावा करती रही कि नाले पूरी तरह साफ हैं। अब मानसून सीजन शुरू होने के साथ बाजार में नाला चोक होने से जलभराव होने की आशंका बनी हुई है। विकासनगर में दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ब्लैक स्पॉट को दूर करने के कार्यों के तहत नाले की सफाई और मरम्मत की गई थी। कार्यदायी कंपनी को करीब 2.12 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया। सफाई के बाद कई दिनों तक सिल्ट और गंदगी नाले के पास ही पड़ी रही। कुछ दिन बाद गंदगी और सिल्ट नाले में वापस पहुंच गई। उसके बाद कार्यदायी कंपनी ने नाले के पाइपों पर टाइल लगाकर चैंबर पर जाल लगा दिए। इस बीच व्यापारी लगातार कहते रहे कि नाले की सफाई के नाम पर लीपापोथी की गई है। लेकिन, राष्ट्रीय राजमार्ग लोनिवि खंड देहरादून के अधिकारी और कार्यदायी कंपनी मौन बनी रही।

हाल में हुई बारिश के बाद कई जगह जलभराव हो गया था। सबसे अधिक जलभराव बाबूगढ़ चुंगी के पास वेदांश स्वीट शॉप के पास हुआ। बीते शनिवार को विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने मानसून जलभराव, बाढ़, बिजली सुरक्षा कार्य और पेयजल आपूर्ति को लेकर संबंधित विभागों की बैठक ली तो नाले की साफ न होने और जलभराव की समस्या की बात सामने आई। यह भी प्रकाश में आया कि होटलो, रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठानों के सीवर पाइप नाले में खुले हैं। नाले में बदस्तूर सीवर गिर रहा है। मामले में चारों तरफ से घिरने के बार विभाग फिर से नालों की सफाई का दावा कर रहा है। लेकिन, पाइपों पर टाइल लगाने और चैंबर बंद होने के बाद नालों की तल छंटाई कर गंदगी और सिल्ट निकालने की बात किसी को भी हजम नहीं हो रही है। अब बरसात शुरू होने के साथ व्यापारियों को जलभराव के साथ नाले चोक होने से मच्छर-मक्खी से संक्रमण पनपने की चिंता सता रही है। नाले की सफाई के नाम पर बजट की बंदर बाट हुई है। अगर नाले की सफाई नहीं की गई तो जलभराव होना तय है। सफाई के साथ नाले की मरम्मत की जांच होनी चाहिए। अगर जांच होती है तो कई अनियमितताएं सामने आएंगी। – अरविंद शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता

नाले की सफाई के नाम विभाग और कार्यदायी कंपनी ने लीपापोथी की है। केवल 20 फीसदी ही सफाई हुई थी। बरसात से पहले नालों की तल छंटाई करवाना बहुत जरूरी है। टाइल की गुणवत्ता की भी जांच होनी चाहिए। – संजय गुप्ता, अध्यक्ष व्यापार मंडल

Iफरवरी में नाले की सफाई करवाई गई थी। उसके ऊपर जाल और टाइल्स लगाने के साथ चैंबर भी बनाए गए हैं। नाले की एक बार फिर से सफाई करवाई जाएगी। मानसून सीजन में भी समस्या आई तो नाले की सफाई करवाई जाएगी। – दीपक गुप्ता, अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग लोनिवि, खंड देहरादून

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