हैदराबाद: तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में पाटनचेरु मंडल के पशम्यलारम में सिगाची इंडस्ट्रीज के दवा संयंत्र में सोमवार को अचानक ब्लास्ट मामले लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. हादसे के दूसरे दिन भी राहत कार्य जारी है. जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक अभी तक कुल 35 शव मिले हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है. पीएम राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और वहीं, घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की गई है.ताजा जानकारी के मुताबिक आज मंगलवार को मृतकों की संख्या 35 हो गई है. मलबे से अभी तक 31 शव बाहर निकाले जा चुके है, जबकि तीन लोगों की अस्पताल में मौत होने की खबर मिली है. मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे मलबा हटाया जाएगा वैस-वैसे स्थिति साफ होती जाएगी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्लास्ट के समय तापमान करीब 700-800 डिग्री के आसपास था. इस वजह से वहां काम कर रहे कर्मचारी जिंदा जल गए.ब्लास्ट इतना तेज था कि औद्योगिक भवन में 14 इंच मोटी प्लिंथ बीम भी टूट कर गिर गई, जिससे ज्यादा नुकसान हुआ है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने बताया कि सीएम रेवंत रेड्डी आज मंगलवार को दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे. इससे पहले सीएम ने राहत कार्य को तेज करने और फंसे मजदूरों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं.
हादसे के समय परिसर में 147 मजदूर कर रहे थे काम
गुजरात की कंपनी सिगाची की तेलंगाना और महाराष्ट्र में इंडस्ट्री है. करीब चार एकड़ में फैले पशम्यलारम इंडस्ट्रियल एस्टेट में दवा निर्माण की फैक्ट्री है. यहां कच्चे माल को शुद्ध करके माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज नामक दवा बनाई जाती है. इसे विभिन्न दवा निर्माण कंपनियों को बेचा जाता है. इस इंडस्ट्री में चार ब्लॉक हैं. सिक्योरिटी ब्लॉक के पीछे प्रोडक्शन डिपार्टमेंट है. यहीं पर दवा बनाई जाती है. ऊपरी मंजिल पर क्वालिटी कंट्रोल और एडमिन डिपार्टमेंट हैं. यहां कुल 189 कर्मचारी काम करते हैं. इनमें से ज्यादातर उत्तरी राज्यों से हैं. हादसे के समय कुल 147 मजदूर प्लांट में काम कर रहे थे.सुबह करीब 9 बजकर 50 बजे जोरदार धमाके के साथ विस्फोट हुआ. इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, ऊपरी मंजिल ढह गई. बगल की एक और इमारत आंशिक रूप से नष्ट हो गई. आग क्वालिटी कंट्रोल और दूसरे विभाग में भी फैल गई. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि उस समय औद्योगिक परिसर में 147 लोग थे. इनमें से 29 की मौके पर ही मौत हो गई और दो की अस्पताल में मौत हो गई. मृतकों की पहचान ओडिशा के शशिभूषण, बिहार के नागनाथ तिवारी और जगनमोहन के रूप में हुई है. पांच लोगों का पता नहीं चल पाया है. 34 लोग घायल हुए हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
चारों तरफ दहशत का माहौल
मलबे के नीचे तमाम शव दबे हुए हैं. स्प्रे ड्रायर के पास काम कर रहे कर्मचारी विस्फोट से जल गए. बचावकर्मियों का कहना है कि रिएक्टर में कच्चा माल लाने वाली पाइपलाइनें और तैयार उत्पाद को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पाइपें भी पिघल गई हैं. जली हुई लाशों से निकलने वाली धुएं की गंध और रसायनों की बदबू से इलाके में दम घुट रहा है.
डीएनए टेस्ट ही एकमात्र उपाय
वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट ही एकमात्र तरीका है. यहां मृतकों की पहचान उनके परिवार के सदस्यों के डीएनए से मिलान करके की जाएगी. तब तक शवों को सौंपना संभव नहीं हो पाएगा.
कैसे हुआ विस्फोट
जानकारी के मुताबिक स्प्रे ड्रायर में केमिकल मिक्सिंग प्रक्रिया के कारण तापमान अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाता है. इसे स्थिर करने के लिए समय-समय पर ब्लो एयर हैंडलर का उपयोग किया जाता है. हवा को अंदर खींचने और छोड़ने के कारण इनमें धूल जम जाती है. इनकी नियमित सफाई होनी जरूरी है, वरना स्प्रे ड्रायर की कार्यक्षमता धीमी हो जाती है. उद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर अनुमान है कि ब्लो एयर हैंडलर की सफाई में लापरवाही के कारण धूल जम गई, जिससे ड्रायर में तापमान नियंत्रित नहीं हो पाने के कारण विस्फोट हो गया. दूसरा तर्क यह है कि स्प्रे ड्रायर में कच्ची दवा को शुद्ध करने के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग किया जाता है, जो नियमों के विरुद्ध है और इससे भी विस्फोट हो सकता है.
घायलों को जान का खतरा नहीं: मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा और गद्दाम विवेक ने अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से मुलाकात भी की. उन्होंने पीड़ितों के परिवारों को आश्वासन दिया कि किसी भी घायल की जान को खतरा नहीं है और उनका बेहतर इलाज कराया जाएगा. वहीं, उन्होंने दुर्घटना का राजनीतिकरण न करने को कहा. वहीं, हादसे पर दुख जताते हुए कंपनी ने कहा कि वह सभी घायल मजदूरों का हर संभव इलाज कराएगी.