बागेश्वर। जिला अस्पताल में खून की कमी मरीजों के लिए हमेशा बड़ी समस्या बनी रहती है। मंगलवार को बातचीत के दौरान ब्लड बैंक की लैब तकनीशियन पुष्पा मेहरा से पता चला कि ब्लड बैंक में ए पॉजीटिव छह यूनिट, ओ पॉजीटिव दो यूनिट, बी पॉजीटिव चार यूनिट, एबी पॉजीटिव दो यूनिट रक्त उपलब्ध है। निगेटिव ब्लड ग्रुप के मरीजों के लिए ब्लड बैंक में एक यूनिट भी खून उपलब्ध नहीं है।
ब्लड बैंक के अधिकारी ब्लड बैंक में पर्याप्त खून की व्यवस्था करने के प्रति लापरवाह रहते हैं। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक की क्षमता 150 होने पर भी केवल 30-40 यूनिट खून ही रखा जाता है। इस हिसाब से अधिकतम 26 प्रतिशत ब्लड रक्तकोष में उपलब्ध रहता है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी की समस्या को देखते हुए सामाजिक संस्थाएं और जागरूक लोग रक्तदान करते हैं। यदि कोई संस्था या संगठन रक्तदान शिविरों का आयोजन करते हैं तो ब्लड बैंक के अधिकारी कुछ यूनिट ब्लड लेकर बाकी लोगों को ब्लड डोनर की सूची में डाल देते हैं। जरूरत पड़ने पर रक्त लेने की बात कहते हैं।
डाेनर सूची में नामांकित लोगों की संख्या
ए पॉजीटिव 26
ए नेगेटिव 16
बी पॉजीटिव 36
बी नेगेटिव 18
एबी पॉजीटिव 25
एबी नेगेटिव 6
ओ पॉजीटिव 23
ओ नेगेटिव 16
कोट
जिला अस्पताल में एनेस्थीसिया की तैनाती होने के बाद से खून की मांग बढ़ गई है। पहले एमरजेंसी में केवल दो से चार यूनिट खून की ही आवश्यकता पड़ती थी। जमा किए हुए खून को 35 दिनों के लिए ही रखा जाता है। अस्पताल में जरूरत अधिक न होने की वजह से केवल 30- 40 यूनिट ही ब्लड रखा जाता है। – डॉ. सावित्री शुक्ला ब्लड बैंक प्रभारी
स्थापना दिवस पर किया नौ यूनिट रक्तदान
बागेश्वर। एनएसयूआई का 54वां स्थापना दिवस उल्लास के साथ मनाया गया। कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान किया और समाजसेवा करने का संकल्प लिया। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कमलेश गढि़या के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नौ यूनिट रक्तदान किया। जिलाध्यक्ष गढि़या ने कहा कि एनएसयूआई सदैव छात्रहित के लिए कार्य करती रही है। स्थापना दिवस पर रक्तदान करने वालों में प्रेम दानू, सागर जोशी, हितेश कुमार, संस्कार भारती, हिमांशु कुमार, सौरभ कुमार, विरेंद्र दानू, डिगर मेहता, दिव्यांशु पिंडारी शामिल थे। इस मौके पर प्रदेश सचिव प्रकाश वाच्छमी, जिला महासचिव पंकज कुमार, विक्की गढि़या, राहुल बाराकोटी मौजूद रहे।







