बरेली के यूनानी मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हो गया, लेकिन यहां उपचार की सुविधा और पढ़ाई के लिए अक्तूबर तक इंतजार करना होगा। इसकी एक बड़ी वजह है कि कॉलेज की बिल्डिंग में अभी बिजली का कनेक्शन नहीं है। बिजली के कनेक्शन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद कार्यदायी संस्था यूनानी चिकित्सा विभाग को बिल्डिंग हैंडओवर करेगी। इसके बाद यहां उपचार और पढ़ाई की सुविधा शुरू होगी। हजियापुर में यूनानी मेडिकल कॉलेज अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत 129 करोड़ रुपये से बनवाया है। मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग विभाग को हैंडओवर न होने से पिछले महीने दौरे पर आईं प्रमुख सचिव संयुक्ता समद्दार ने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों से नाराजगी जाहिर की थी।
धन अभाव में नहीं हो पाए विद्युत कार्य
उस दौरान पता चला था कि मेडिकल कॉलेज भवन के एस्टीमेट में बिजली कनेक्शन को जोड़ा ही नहीं गया। यूनानी मेडिकल कॉलेज में 2500 मेगावॉट के कनेक्शन के लिए अंडरग्राउंड एचटी लाइन समेत अन्य कार्य होने हैं, जो धनाभाव में नहीं हो पाए हैं। बिल्डिंग बनने के बाद कार्यदायी संस्था ने बिजली कनेक्शन के लिए अलग से एस्टीमेट भेजकर शासन से बजट की मांग की। पीडब्ल्यूडी राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता शशांक भार्गव ने बताया कि यूनानी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग मार्च 2025 में बनकर तैयार हो गई थी। बिजली कनेक्शन के 50 लाख रुपये न मिल पाने से बिल्डिंग हैंडओवर नहीं हो पाई। बिजली कनेक्शन मिलाकर करीब 9.50 करोड़ रुपये मिलने बाकी हैं। डीपीआर में बिजली कनेक्शन आदि के प्रावधान की बात मुख्य सचिव स्तर पर चल रही है। मंडलीय यूनानी चिकित्सा अधिकारी करतुल जहरा जैदी ने कहा कि कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से बजट के संबंध में पत्राचार किया है। बिजली कनेक्शन सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा कर कार्यदायी संस्था बिल्डिंग हमें हैंडओवर करेगी। इसके बाद ही हॉस्पिटल शुरू होगा। उम्मीद है कि दो महीने में हॉस्पिटल का संचालन शुरू हो जाएगा।