उत्तराखंड में कीवी और एप्पल के बाद अब ड्रैगन मिशन को हरी झंडी मिल गई है। ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए राज्य में सबसे मुफीद ऊधमसिंह नगर है। इससे उद्यानीकरण को बढ़ावा मिलेगा और किसान भी मालामाल होंगे। तराई के किसानों को एक एकड़ भूमि पर इसकी खेती करने पर सरकार 80 फीसदी सब्सिडी देगी। तराई में जून से नवंबर तक तापमान करीब 30 से 40 डिग्री के आसपास रहता है। यह पारा ड्रैगन फ्रूट्स के लिए मुफीद है। यही कारण है कि तराई में इस मिशन को साकार रूप देने की कार्ययोजना बनी।
तीन वर्ष की कार्ययोजना तैयार
जिले में ड्रैगन मिशन के लिए जिला प्रशासन ने तीन वर्ष की कार्ययोजना तैयार की है। वर्ष 2025-26 में 20 एकड़ में खेती की जाएगी। दूसरे वर्ष 2026-27 में 25 और तीसरे वर्ष में 15 एकड़ जमीन पर इसकी खेती होगी।
जिले में 62 एकड़ में होती है खेती
जिले में लगभग 62 एकड़ भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती होती है। अभी तक किसानों को मुख्यमंत्री बागवानी योजना के तहत ड्रैगन फ्रूट के पेड़ों की खरीद पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाती थी।
प्रति एकड़ आठ लाख का प्रोजेक्ट
ड्रैगन मिशन के तहत फ्रूट की खेती में प्रति एकड़ करीब आठ लाख रुपये का खर्च आता है। प्रति एकड़ 80 फीसदी सब्सिडी के चलते किसानों को एक एकड़ में सिर्फ 1.60 लाख रुपये ही खर्च करने होंगे। शेष 6.40 लाख रुपये सरकार सब्सिडी के रूप में देगी। पहाड़ों पर कीवी और एप्पल मिशन की तरह ही ऊधमसिंह नगर में ड्रैगन मिशन की कार्ययोजना शासन को सौंपी गई थी। मिशन के लागू होने से तराई के किसानों को बड़ा फायदा होगा। – प्रभाकर सिंह, मुख्य उद्यान अधिकारी
जलवायु के हिसाब से ड्रैगन फ्रूट्स की खेती के लिए तराई एकदम अनुकूल है। ड्रैगन मिशन को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इससे तराई के किसानों को बड़ा फायदा होगा। -मनीष कुमार, सीडीओ