हरिद्वार। सिडकुल की सेफगार्ड कंपनी में एचआर एग्जिक्यूटिव को बंधक बनाकर डरा-धमकाकर तीन लाख रुपये हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। सिडकुल पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर कंपनी के मालिक, उसकी पत्नी सहित चार आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी, बंधक बनाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी है।पुलिस के मुताबिक ज्वालापुर के मोहल्ला कैतवाड़ा निवासी शोएब अहमद पुत्र खलील अहमद ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। बताया था कि चार मार्च 2020 में सेफगार्ड कंपनी में एचआर एग्जिक्यूटिव के तौर पर नौकरी पर लगा था। कंपनी के मालिक राजकुमार अरोड़ा और उसकी पत्नी वैशाली अरोड़ा एकाउंट, फाइनेंस का काम देखती हैं। दोनों ने एचआर के कार्य के अलावा कंपनी के सभी फाइनेंशियल काम भी उसे दे दिए थे। रोज के खर्चों का हिसाब वैशाली को व्हाट्सएप कैश ग्रुप के जरिये रजिस्टर में लिखकर दिया जाता था।
कम पैसे मिलने पर अपने माता-पिता के लाखों रुपये भी कंपनी की मांग पर खर्च करता था। नवंबर 2023 में शादी के दौरान उसने अपने पैसे मांगे। तब दोनों ने उसे शादी से पहले हिसाब कर पैसे लौटाने का भरोसा दिलाया।छुट्टी पर जाने पर मैनेजर पार्थिव उर्फ पिंटू कर्णवाल को अपने हस्ताक्षर किए सात ब्लैंक चेक दे दिए। चार दिसंबर 2023 को ड्यूटी पर आया तो उसे कह दिया कि हिसाब कर दिया। उस पर कंपनी का पैसा निकल रहा है। आरोप है कि डरा-धमकाकर कंपनी में बंधक बनाते हुए झूठे मुकदमे में फंसाने, माता-पिता, पत्नी को जान से मरवाने की धमकी देकर तीन लाख कंपनी के खाते में जबरन ट्रांसफर करवाए। आरोप है कि सिडकुल थाने में एक जून 2024 को झूठा मुकदमा मैनेजर सचिन शर्मा की तरफ से दर्ज करा दिया गया। थाना प्रभारी मनोहर सिंह भंडारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर कंपनी के मालिक राजकुमार अरोड़ा, उसकी पत्नी वैशाली अरोड़ा, मैनेजर सचिन शर्मा व पार्थिव उर्फ पिंटु कर्णवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।