काशीपुर। जमीन के मुआवजे में 1.5 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का मामला आईटीआई थाना क्षेत्र में सामने आया है। पुलिस ने मुंबई स्थित ओंकारा एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि कल्पेश ओझा की तहरीर पर अमित गुप्ता और शशि गुप्ता के विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी व षड्यंत्र के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले की जांच की जा रही है।तहरीर में बताया कि मैसर्स श्री श्याम पल्प एंड बोर्ड मिल्स लिमिटेड ने 15 करोड़ का ऋण लिया था। इसके एवज में ग्राम दभौरा एहतमाली, तहसील काशीपुर स्थित खसरा संख्या 151 (क्षेत्रफल 1.950 हेक्टेयर) और खाता संख्या 152 (क्षेत्रफल 3.078 हेक्टेयर), कुल 5.038 हेक्टेयर भूमि, जो अमित गुप्ता और शशि गुप्ता के संयुक्त नाम पर दर्ज है बैंक के पास गिरवी रखी गई थी।
ऋण का भुगतान न करने पर एक मार्च 2014 को बैंक ने खाता एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्ति) घोषित कर दिया था। बैंक के अनुसार, जब बंधक भूमि के संबंध में कार्रवाई की गई तो पता चला कि उक्त भूमि का कुछ हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से हरिद्वार–काशीपुर राजमार्ग परियोजना के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है।अमित गुप्ता और शशि गुप्ता ने इस भूमि के बैंक के पास गिरवी होने की जानकारी गुप्त रखकर करीब 1.5 करोड़ रुपये का मुआवजा कपटपूर्ण तरीके से प्राप्त कर लिया। बैंक प्रतिनिधि ने पुलिस को बताया कि उक्त भूमि के सभी मूल दस्तावेज बैंक के पास सुरक्षित हैं और मुआवजा पाने के लिए अभियुक्तों ने जाली दस्तावेजों का प्रयोग किया है। थाना आईटीआई पुलिस ने इस प्रकरण में अमित गुप्ता और शशि गुप्ता के विरुद्ध धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। सीओ दीपक सिंह का कहना है कि मामले की पुलिस जांच कर रही है।