Sunday, September 21, 2025
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रामनगर में कांग्रेस कार्यालय के स्वामित्व पर बवाल देर रात पुलिस ने की लाठीचार्ज तालाबंदी से चढ़ा सियासी पारा

रानीखेत रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय में स्वामित्व को लेकर यहां घमासान छिड़ गया। व्यापारी नीरज अग्रवाल ने भवन को अपना बताते हुए उसे अंदर से बंद कर दिया। इससे गुस्साए कांग्रेसियों ने सोमवार सुबह पूर्व विधायक रणजीत रावत के साथ पहुंचकर यहां अपना ताला ठोंक दिया। इसे पुलिस के तोड़ने पर कांग्रेसी पुलिस से भीड़ गए। जमकर हंगामें के बाद पूर्व विधायक के नेतृत्व में कार्यकर्ता कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गए और दिन भर कार्यालय पर हंगामा चलता रहा। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया। हंगामे के चलते दिन भर हाईवे पर भी जाम के हालात रहे। हंगाने के बाद कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।वर्तमान में कांग्रेस कार्यालय पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत की देखरेख में संचालित हो रहा है। सोमवार सुबह दस बजे यहां कार्यालय स्वामी नीरज अग्रवाल पहुंचे और कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया।

सूचना कांग्रेसियों तक पहुंची तो कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए और हंगामा खड़ा हो गया। उन्होंने कार्यालय के गेट पर अपना ताला लगा दिया। सूचना पर भारी संख्या में पहुंची पुलिस ने कार्यालय में कांग्रेसियों का लगाया ताला तोड़ दिया। इसी बात पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पुलिस की बीच तीखी झड़प हो गई। इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। आरोप है कि दू्सरे पक्ष ने कार्यालय के बाहर लगी कांग्रेस की फ्लैक्सी हटाकर पोस्टरों पर कालिख पोत दी। इसको लेकर विवाद और गहरा गया और कार्यालय के बाहर पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। सूचना पर कांग्रेस के बड़े नेता, विधायक भी शाम तक रामनगर पहुंच गए। हंगामे के बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कालाढूंगी थानाध्यक्ष राजेश जोशी, बेतालघाट थानाध्यक्ष अनीस अहमद, पीरूमदारा चौकी प्रभारी सुनील धानिक, मालधनचौकी प्रभारी धर्मेद्र कुमार सहित एसएसआई मो. युनूस, मनोज नयाल सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रहा।

धरने पर बैठे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष
सोमवार शाम साढ़े चार बजे के आसपास धरने में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन सिंह माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी पहुंच गय। दोनों ने कार्यालय को कांग्रेस कार्यालय बताया और इस तरह से कब्जा करने की कार्रवाई को असंवैधानिक बताया।

पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी
कांग्रेस कार्यालय में कब्जे को लेकर पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत और उनके समर्थकों का पुलिस के साथ जमकर विवाद हुआ। समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारे लगाए। पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत का कहना है कि सुबह उन्हें सूचना मिली थी कि कांग्रेस कार्यालय के गेट पर लगे उनके ताले को तोड़कर किसी अन्य व्यक्ति ने नए ताले लगा दिए है। सूचना पर वह मौके पर पहुंचे और अपने पुराने ताले वापस लगवाए, लेकिन इसके तुरंत बाद भारी संख्या में पुलिस बल वहां पर पहुंच गई।

पूर्व विधायक ने पुलिस पर लगाये आरोप
पूर्व विधायक रणजीत रावत ने दावा किया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कहा कि कार्यालय के अंदर कुछ लोग बंद है। विधायक के मुताबिक कार्यालय उनका है और घटना के वक्त अंदर कोई भी उनका व्यक्ति मौजूद नहीं था। इसके बावजूद पुलिस ने ताला तोड़ दिया। कहा कि सबकी मौजूदगी में पुलिस ने ताला तोड़ा है, जो इस बात का प्रमाण है कि पुलिस प्रशासन इस कार्यालय पर कब्जा कराने में शामिल है। पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं, कुछ को कोतवाली में बिठाया गया है।

तहसीलदार से उलझे कांग्रेसी
कार्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता धरना पर बैठे थे। तहसीलदार मनीषा मारकाना ने कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया और धरने से उठने का आग्रह किया। इसी को लेकर कार्यकर्ताओं व तहसीलदार के बीच नोंकझोंक हो गई और कार्यकर्ता नहीं माने। वहीं सीओ सुमित पांडे ने भी समझाने का प्रयास किया।

नेता प्रतिपक्ष सहित तीन विधायक रामनगर पहुंचे
रामनगर में कांग्रेस कार्यालय पर कब्जे की खबर लगते ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, जसपुर विधायक आदेश चौहान, खटीमा विधायक भुवन कापड़ी, पूर्व विधायक संजीव आर्य सहित तमाम कार्यकर्ता पहुंचे। इस दौरान पूर्व विधायक संजीव आर्य की पुलिस से नोंकझोंक भी हुई। सभी ने एकजुट होकर कार्यालय पर कब्जा करने वालों का सत्यापन करने की मांग की है। पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत व कार्यालय स्वामी नीरज अग्रवाल के बीच कार्यालय को लेकर विवाद है। पिछले अक्टूबर में भी दोनों के बीच विवाद हुआ था। सोमवार को कार्यालय स्वामी ने कार्यालय पर कब्जा कर लिया है। कांग्रेस कार्यकर्ता इसका विरोध कर रहे है। – सुमित पांडे, सीओ रामनगर

लंबे समय से लेन-देन का चल रहा था विवाद
रामनगर के रानीखेत रोड पर कार्यालय का विवाद रुपयों के लेनदेन से जुड़ा बताया जाता है। पूर्व विधायक व व्यापारी के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। अक्टूबर माह में दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद एक बार फिर से विवाद हो गया। पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत और व्यापारी नीरज अग्रवाल का विवाद पिछले दो-तीन साल से चल रहा है। 2017 में व्यापारी ने अपना कार्यालय, गोदाम चुनाव कार्यालय के लिए दिया था। पिछले दो-तीन साल से दोनों के बीच विवाद की स्थिति पैदा होने लगी। व्यापारी अग्रवाल लंबे समय से कार्यालय, गोदाम खाली कराने की जुगत में लगे हुए हैं, जबकि पूर्व विधायक कार्यालय खाली नहीं करना चाह रहे थे। अक्टूबर माह में भी कब्जे को लेकर व्यापारी और पूर्व विधायक के बीच काफी हंगामा हुआ था। अब सात माह बाद व्यापारी ने कार्यालय में कब्जा कर लिया।

पूर्व विधायक व व्यापारी के बीच हुई वार्ता
धरने के बीच कोतवाली में तहरीर देने पहुंचे पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत की पुलिस ने व्यापारी नीरज अग्रवाल के साथ वार्ता कराई। कोतवाली में करीब एक घंटे चली वार्ता बेनतीजा रही है। बात नहीं बनी तो पूर्व विधायक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।

जाम खुलवाने के लिए पुलिस करना पड़ा बल प्रयोग
दिन भर रानीखेत रोड पर जाम के हालात रहे। ऐसे में कुछ लोगों को हाईवे से हटाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि हाईवे पर जाम की स्थिति थी। ऐसे में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर जाम खुलवाया था।

कार्यालय पर अपराधियों की ओर से कब्जा कराया गया है। कार्यालय के अंदर कांग्रेस के दस्तावेज और जरूरी है। अगर कोई घटना होती है तो जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। – करन माहरा, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस

सरेआम बाजार के बीच कांग्रेस कार्यालय पर कब्जा किया गया है, जो निंदनीय है। कब्जा करने वाले रापराधिक प्रवृत्ति के हैं। शासन-प्रशासन की मिलीभगत से यह कार्रवाई हुई है। – यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष

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