Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeअपराधचैट से हुआ खुलासा पुलिस ने चार अंतरराष्ट्रीय ठगों को किया गिरफ्तार...

चैट से हुआ खुलासा पुलिस ने चार अंतरराष्ट्रीय ठगों को किया गिरफ्तार इटावा में 100 करोड़ की ठगी का प्रयास

इटावा जिले में फर्जी दस्तावेजों से करंट अकाउंट खुलवाकर उसमें गमिंग के जरिए होने वाली साइबर ठगी का रुपये डलवाने वाले चार अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों को पुलिस ने बाइस ख्बाजा रोड से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के मोबाइल से चीन, हांगकांग और इंडोनेशिया से 100 करोड़ तक की ठगी करने की चैट में बात सामने आई है। एक आरोपी इटावा व तीन आरोपी झांसी, बुलंदशह, बलिया के हैं। आरोपियों के पास एक इंडोनेशिया का का सिम कार्ड भी मिला है। शनिवार देर रात थाना कोतवाली पुलिस, एसओजी, सर्विलांस टीम को सूचना मिली कि साइबर ठगी करने वाले चार ठग बाइक ख्बाजा रोड पर खड़े हैं।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चारों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने पूछताछ में नाम यश प्रताप सिंह (25) निवासी सहतवार जनपद बलिया, यश आर्या (25) निवासी हरी बिहार कॉलोनी थाना कोतवाली जनपद झांसी, हिमांशु शर्मा (23) निवासी मदाइन थाना बढपुरा, हिमांशु चौधरी (24) निवासी जगदीशपुर थाना अहमदगढ़ जनपद बुलंदशहर बताया। आरोपियों के पास से छह मोबाइल, एक पैन ड्राइव, तीन पासबुक, सात चेकबुक, दो आधार कार्ड, तीन पेन कार्ड, एक मैट्रो कार्ड, 13 एटीएम कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस, तीन क्यूआर कोड, एक फर्म की मोहर, एक बार, 01 कार व इंडोनेशिया की सिम बरामद की गई है।

फर्जी फर्म के नाम पर खुलवाते थे करंट अकाउंट
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि हम लोगों को साइबर ठगी करने के लिए बडे स्तर पर रुपयों के ट्रांजेक्शन के लिए चालू खाते की आवश्यकता होती थी। इसलिए हम लोग फर्म या लघु उद्योग के नाम पर एमएसएमई का सर्टीफिकेट बनवाते थे और उस सर्टीफिकेट के आधार पर अलग-अलग बैंकों में जाकर चालू खाता खुलवा लेते थे। उन खातों की डिटेल्स को टेलीग्राम एप्प व व्हाट्सएप के ‘पैनल ग्रुप्स’ पर भेजते थे। टेलीग्राम ग्रुप व व्हाट्सएप के ‘पैनल ग्रुप्स’ में भेजे गए खातों में से प्रत्येक खाते में लगभग एक करोड़ रुपये की धनराशि का ट्रांजेक्शन कर लेते हैं। इसमें से तीन से चार प्रतिशत कमीशन हम लोगों को प्राप्त होता है। इसे हम आपस में बांट लेते थे।

एनडीए की तैयारी के दौरान मिले थे सभी
आरोपियों ने बताया कि वह देहरादून में एनडीए की तैयारी के दौरान एक-दूसरे के संपर्क में आए और वहीं से इनकी आपराधिक मानसिकता ने एक संगठित स्वरूप लेना शुरू किया। शॉर्टकट में अमीर बनने की चाह ने इन्हें साइबर अपराध के दलदल में आ गए थे।

गेमिंग कंपनी से रुपये आने स्क्रीनशॉट देकर अन्य युवाओं को भी फंसाते थे
गिरोह का उद्देश्य केवल ठगी करना नहीं बल्कि ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड को वैध रूप में प्रस्तुत करके युवाओं को फांसना और डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग करना था। गिरोह फर्जी करंट अकाउंट खुलवाने के लिए सामान्य युवाओं को लॉजिक देकर फंसाता है कि गेमिंग कंपनी के माध्यम से पैसा आएगा और कमीशन मिलेगा। उन्हें बड़ी राशि के ट्रांजेक्शन के स्क्रीनशॉट भेज कर लुभाया जाता था। खाताधारकों से एक विशेष एपीके सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवाया जाता है। इससे खाता पूरी तरह से रीमोट कंट्रोल से गिरोह की ओर से संचालित किया जा सके।

तीन दिन में 80 लाख का ट्रांजेक्शन, 11 राज्यों के 32 लोगों ने की शिकायत
पुलिस की जांच में हिमांशु चौधरी के नाम बंधन बैंक का खाता मिला है। इसमें 25 मई से 28 मई के बीच लगभग 80 लाख रुपये की धनराशि की साइबर ठगी की गई है। जेमिस पोर्टल पर बैंक खाते के विरुद्ध दर्ज शिकायतों की स्थिति पता की गई तो आन्ध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, असम, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश समेत 11 राज्यों से कुल 32 शिकायतें नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पर दर्ज हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments