रुद्रपुर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ने चेक बाउंस के अभियुक्त को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त करने का आदेश दिए है। जानकारी के अनुसार गदरपुर के पंजाबी काॅलोनी निवासी रजनी देवी ने अपने सौतेले बेटे मयंक अग्रवाल के खिलाफ तीन मार्च 2022 को अदालत में परिवाद दायर किया था। उसका कहना है कि अक्तूबर 2021 में मयंक ने दस लाख रुपये का चेक दिया था। 17 अक्तूबर 2021 को उन्होंने चेक को बैंक में लगाया तो वह बाउंस हो गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम विवेक कुमार राणा की अदालत में मुकदमे की सुनवाई हुई थी। अदालत में मयंक पर दोष साबित नहीं हो सका। इस पर अदालत ने मयंक को दोषमुक्त कर दिया।
बीमा कंपनी को साढ़े दस लाख की क्षतिपूर्ति देने के आदेश
रुद्रपुर। स्थायी लोक अदालत ने सुलह समझौते के आधार पर बीमा कंपनी को परिवादी को 10,50,000 रुपये की क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। जसपुर के महुआडाबरा स्थित वार्ड नंबर चार निवासी केला देवी ने स्थायी लोक अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। उनका कहना था कि कुछ साल पहले उनके बेटे की हादसे में मौत हो गई थी। बेटे ने बीमा पालिसी में उनको नामिनी बनाया था। उन्होंने बीमा कंपनी में आवेदन किया तो एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने भुगतान से इन्कार कर दिया। स्थायी लोक अदालत में दोनों पक्षों को बुलाया गया। प्रभारी अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत अब्दुल नसीम एवं सदस्या अर्चना पीयूष पंत की पीठ ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को केला देवी को 10,50,000 रुपये की क्षतिपूर्ति सुलह समझौते के आधार पर देने का आदेश जारी किए।