मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही पहली बैठक धर्मनगरी हरिद्वार में अधिकारियों के साथ की। उन्होंने न केवल अर्ध कुंभ 2027 को लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप निर्देश दिए, वरन उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा भी सुचारू रूप से संचालित होगी। विभागाध्यक्षों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकार की समस्या हो तो वह स्वयं मिलकर बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में किसी प्रकार की खामी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्य सचिव आनंद ने हरिद्वार में आगामी कुंभ को लेकर मेला अधिकारी व जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह से मायापुर स्थित कैंप कार्यालय में विचार विमर्श किया। उन्होंने जिलाधिकारी के साथ अन्य विभागाध्यक्षों को पूरी रुपरेखा बनाकर एक सप्ताह के अंदर अवगत कराने के लिए निर्देशित किया। मुख्य सचिव ने कहा कि इस एक सप्ताह में उतना कार्य और कार्य योजना बनानी होगी जिस पर अभी तक अभ्यास किया जा चुका है। उन्होंने जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह की ओर से अब तक की गई पहल की सराहना भी की।
कुंभ का रूप देने में साधु संतों की सुविधाओं का रखें ध्यान
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि कुंभ-2027 से पूर्व हो रही बैठकों को गंभीरता से लेना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार सुचारू व्यवस्था करने के पक्ष में है। निश्चित तौर पर इसे जिम्मेदार लोगों को अपने दायित्व को समझना होगा। उन्होंने कहा कि विशेष आयोजनों में जो धार्मिक हों इसमें साधु संतों और महात्माओं को साथ में लेकर उनके मार्गदर्शन और उनसे विचार विमर्श करके ही काम करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि यह बैठक सांकेतिक है। इसके आगे जो बैठक होगी उसमें निर्णायक और क्रियाशील गतिविधियों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ को लेकर हमारी योजनाएं गतिशील हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि योजनाएं बनेंगी जो वर्षों तक काम करेंगी इसकी शुरुआत हरिद्वार शहर और यहां के कुंभ से होगा।
चारधाम यात्रा में नहीं होगी समस्या
मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा को लेकर भी अपने और सरकार के विजन से सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के साथ ही सभी यात्रियों के साथ व्यवहार भी बेहतर हो यह व्यवस्था प्रशासन को बनानी होगी। उन्होंने विभागाध्यक्षों से कहा कि जिनकों जो दायित्व मिलला है वह उसका निर्वहन करेंगे। स्पष्ट रूप से कहा कि किसी को यात्रा के दौरान असुविधा हुई तो वह संबंधित विभाग ही उसके जिम्मेदार होंगे। जिलाधिकारी कर्मेद्र सिंह को उन्होंने निर्देशित किया कि वह समय-समय पर यात्रा तैयारियों को लेकर प्रगति रिपोर्ट आवश्यक रूप से लें। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा की शुरआती चरण से लेकर यह ध्यान रखना होगा कि वीआईपी कल्चर से अधिक जन सामान्य पर विशेष ध्यान होगा।