परमार्थ विद्या मंदिर में वार्षिकोत्सव कार्यक्रम आयोजन किया गया। कार्यक्रम विद्यार्थियों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। नृत्य, संगीत, नाट्य और प्रेरणादायी प्रस्तुतियों के माध्यम से बच्चों ने अपनी प्रतिभा, संस्कार और आत्मविश्वास का सुंदर प्रदर्शन किया। स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने अतिथियों से कन्याओं का पूजन कर उन्हें सम्मानित किया। उसके बाद अतिथियों ने परमार्थ विद्या मंदिर के सभी कक्षों, प्रयोगशालाओं, साइट्स एवं लैब का निरीक्षण किया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित न रहे, बल्कि वह संस्कार, सेवा, संवेदना और सतत विकास से जुड़ी हो। परमार्थ विद्या मंदिर इसी दिशा में एक आदर्श उदाहरण है। विद्या वही है जो विनय दे, सेवा सिखाए और समाज को जोड़ने का कार्य करेें। इस मौके पर मेयर शंभू पासवान, एसडीएम योगेश मेहरा आदि मौजूद रहे।
बच्चों ने किया प्रतिभा का प्रदर्शन
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