रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर तेजी के साथ निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। सितंबर प्रथम सप्ताह से केदारनाथ धाम की दूसरे चरण की यात्रा शुरू हो जाएगी, जो नवंबर माह तक चलेगी। इस दौरान केदारनाथ धाम की यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। 31 जुलाई की रात आई आपदा के बाद से पैदल मार्ग के साथ राजमार्ग की हालत बेहद खराब है, जिसे दोबारा बनाने का कार्य युद्ध स्तर से चल रहा है। सरकार और प्रशासन का प्रयास है कि सात सितंबर से पहले यात्रा मार्ग को बेहतर बना लिया जाए, जिससे डंडी-कंडी, घोड़ा-खच्चर और वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से की जा सके।
केदारघाटी आपदा में ध्वस्त हुआ मार्ग। केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग का निरीक्षण करके लौटे निम के पूर्व प्रिंसिपल कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग के लिनचोली से लेकर सोनप्रयाग तक विभिन्न स्थानों पर प्रकृति का प्रकोप देखने को मिला। इस आपदा में कई लोगों के शव मलबे से बरामद कर लिए गए हैं। जबकि अन्य लोगों की ढूंढखोज को लेकर एसडीआरएफ के जवान जुटे हुए हैं।
मार्ग को दुरुस्त करने में सहयोग। पुलिस, डीडीआरएफ और सएसडीआरएफ के जवानों ने वर्ष 2013 की आपदा में भी पूरे परिश्रम के साथ केदारनाथ आपदा से निपटने में सहयोग किया था और आज भी ये जवान पूरी तन्मयता के साथ केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर राजमार्ग पर हो रहे निर्माण कार्यों में सहयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर राजमार्ग को तेजी के साथ दुरूस्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पैदल मार्ग के टूटे स्थान पर सड़क छः मीटर चौड़ी बनाई जा रही है, जिससे यात्री, घोड़े खच्चर, डंडी-कंडी मजदूर आराम से चल सके।
लोगों की आजीविका हुई प्रभावित। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एसडीआरएफ, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं पड़ावों में रखी जाएंगी। निम के पूर्व प्रिंसिपल कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि तीर्थ पुरोहित, घोड़े खच्चर, होटल-दुकान, टैक्सी वाहन, टेंट कॉलोनी, निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार, मजदूर आदि की रोजी-रोटी पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है। ऐसे में प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन यात्रा को पुनः व्यवस्थित तरीके से संचालित कराने को लेकर तेजी के साथ कार्य कर रहा है. रामबाड़ा से केदारनाथ तक दो स्थानों पर रास्ता अधिक मात्रा में क्षतिग्रस्त है।
सीएम धामी खुद कर रहे मॉनिटरिंग। यहां पर कार्य करने की ज्यादा जरूरत है. गौरीकुंड से रामबाड़ा तक तीन स्थानों पर क्षति अधिक है, कार्य को सही तरीके से करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं पुनर्निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि सितंबर से नवंबर माह तक केदारनाथ यात्रा को बेहतर तरीके से संचालित करवाया जाए। जिससे यात्रा से जुड़े बेरोजगारों को रोजगार मिल सके।
दिन-रात काम में जुटे मजदूर। कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर राजमार्ग पर मजदूर रात-दिन निर्माण कार्यों में जुटे हैं। इन मजदूरों के सामने बारिश एक चुनौती बनी हुई है. पहाड़ी से हर समय मलबा गिरने का खतरा और भारी बारिश इनके हौसलों के सामने भी हार मान रही है। इनके साथ ही एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस के जवान भी इनकी सुरक्षा को लेकर पहाड़ी पर हर समय नजर बनाए हुए हैं।