देहरादून। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, राजपुर रोड में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। माहरा ने कहा कि ऋषिकेश में भाजपा के अराजक तत्वों ने रैली के दौरान पर्वतीय क्षेत्र की जनता के लिए अपमानजनक शब्द कहे, जो अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने राज्य के गठन के लिए लंबा संघर्ष और बलिदान दिया है। यहां के युवाओं ने न केवल देश की सीमाओं की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया है, बल्कि हर पर्वतीय परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना में देश सेवा कर रहा है। इसके बावजूद, भाजपा नेताओं द्वारा पर्वतीय क्षेत्र की जनता को गाली-गलौज करना और इस तरह की हरकतों को राजनीतिक संरक्षण देना अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने मांग की कि इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
खानपुर में भाजपा नेताओं की गुंडागर्दी पर तीखी प्रतिक्रिया
करण माहरा ने हरिद्वार के खानपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेताओं के बीच खुलेआम गाली-गलौज और हिंसा की घटनाओं की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं, जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं, तमंचे लहराए जा रहे हैं, और फायरिंग हो रही है। इन घटनाओं से देवभूमि की संस्कृति और शांति को ठेस पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि चार दिनों तक खानपुर में यह ड्रामा चलता रहा, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे, लेकिन पुलिस और प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोते रहे। जब मामला बढ़ा, तब जाकर कार्रवाई हुई। कांग्रेस पार्टी इस पूरे मामले पर नजर बनाए रखेगी और देखेगी कि किन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और कितनी गंभीर कार्रवाई होती है।
प्रदेशभर में प्रदर्शन और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने की घोषणा
करण माहरा ने बताया कि कांग्रेस पार्टी इन घटनाओं को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि सोमवार को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर सरकार का पुतला दहन किया जाएगा। इसके बाद, अगले दिन सभी जिला मुख्यालयों में राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी। माहरा ने कहा कि देवभूमि की पवित्रता और शांति बनाए रखने के लिए किसी भी व्यक्ति को राज्य के माहौल को खराब करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए।
यूसीसी को बताया असंवैधानिक और अव्यावहारिक
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने उत्तराखंड में लागू हो रहे यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह कानून न तो व्यावहारिक है और न ही संवैधानिक। संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत जिस नागरिक संहिता की बात कही गई है, यह उससे काफी अलग है। अनुच्छेद 44 एक ऐसी नागरिक संहिता की कल्पना करता है, जो पूरे देश में लागू हो, न कि किसी एक राज्य तक सीमित हो।
माहरा ने यूसीसी में लिव-इन रिलेशन के प्रावधानों पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस कानून में धारा 378 से 389 तक के प्रावधान देवभूमि की संस्कृति के खिलाफ हैं। कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को विवाह पूर्व संबंधों की अनुमति नहीं देते, लेकिन यह कानून अवैध संबंधों को संरक्षण प्रदान करता है।
माहरा ने यह भी कहा कि कानून का एक विवादास्पद प्रावधान उत्तराखंड में केवल एक वर्ष तक रहने वाले व्यक्तियों को राज्य का निवासी मानने का है। यह खंड उन संगठनों की मांगों का खंडन करता है, जो मूल निवासियों के लिए 1950 को कट-ऑफ वर्ष मानने की वकालत कर रहे हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि यूसीसी की समिति में केवल एक सदस्य उत्तराखंड से है, जबकि बाकी सदस्य अन्य राज्यों से हैं। इससे स्पष्ट है कि यह कानून राज्य हित में नहीं बनाया गया।
पत्रकार वार्ता में कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति
इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट और महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी भी उपस्थित रहे। शीशपाल सिंह बिष्ट ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए भाजपा सरकार को घेरने का काम किया।
कांग्रेस पार्टी ने इन सभी मुद्दों पर राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी कर ली है। उन्होंने सरकार से देवभूमि की शांति और पवित्रता बनाए रखने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है।