गोदौलिया और गिरजाघर रोपवे स्टेशन बनने के बाद गंडोला पर बैठे लोग आसानी से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का शिखर दर्शन कर सकेंगे। नए साल में यह सपना पूरा होगा। सनातन परंपराओं के अनुसार शिखर दर्शनम् पाप नाशनम् अर्थात मंदिर के शिखर का दर्शन करने मात्र से ही पापों का नाश हो जाता है।दो चरणों में रोपवे का निर्माण कार्य चल रहा है। पहले चरण में कैंट से रथयात्रा और दूसरे चरण में रथयात्रा से गोदौलिया तक रोपवे का काम पूरा होगा। सामान्य दिनों में भीड़ के चलते कई दर्शनार्थी मंदिर में नहीं पहुंच पाते हैं तो दूर से ही मंदिर के शिखर को प्रणाम कर बाबा का आशीर्वाद लेते हैं। ज्यादातर लोग मंदिर के आसपास पहुंचने पर ही दर्शन कर पाते हैं। अब गोदौलिया और गिरिजाघर पर गंडोला से ही दर्शन कर सकेंगे। इस प्रकार की सुविधा काशी में 2026 में शुरू होगी। अभी पहले चरण के कामकाज को पूरा करने में एनएचएलएमएल के इंजीनियर लगे हैं। वे सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखकर लगातार जांच कर रहे हैं।
पर्वतमाला परियोजना के तहत एशिया का पहला अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट शहरी परिवहन (अर्बन ट्रांसपोर्ट) के रूप में काशी में शुरू है। 3.8 किलोमीटर दूरी में पांच स्टेशन बनेंगे। जो कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक होगा। इनके बीच विद्यापीठ, रथयात्रा इंटरमीडिएट स्टेशन होंगे। गिरजाघर एक टेक्निकल स्टेशन होगा। इस प्रकार कुल 5 स्टेशन और 29 टावर बनाए जाएंगे। इस परियोजना की कुल लागत 815.58 करोड़ रुपये है। इसमें 15 साल का ओएंडएम (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) भी शामिल है। 16 घंटे संचालन होगा। 150 गंडोला लगाए जांएगे। लगभग दो लाख वर्ग फीट में निर्माण कराया जाएगा।रोपवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। सभी सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखकर इंजीनियर काम कर रहे हैं। आने वाले दिनों में शहर में लोगों को यातायात के बेहतर विकल्प के रूप में रोपवे मिलेगा। – पुलकित गर्ग, उपाध्यक्ष वीडीए







