हल्द्वानी में फर्जी स्थायी निवास प्रमाणपत्र मामले के उजागर होने के बाद प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारी हरकत में आए हैं। दोनों विभागों के अफसरों की टीम ने बुधवार को तहसील परिसर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई अनियमित्ताएं उजागर हुईं। स्टांप बैंडर की ओर से नियम विरुद्ध डीड राइटिंग व पेटिशन ड्राफ्टिंग का कार्य किया जा रहा था। अनियमित्ताएं मिलने पर एसडीएम ने 15 लोगों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया है। इन सभी की भूमिका और कार्य की अलग-अलग जांच भी शुरू कर दी गई है।जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल के निर्देश पर बुधवार को दोपहर बाद अधिकारियों की टीम तहसील परिसर पहुंची। उन्होंने डीड राइटर, पेटिशन राइटर, स्टाम्प वेंडर व नोटरी अधिवक्ताओं से वार्ता की और सभी को स्पष्ट निर्देश दिए कि वह अपना कार्य कानून, नियमों एवं विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप करें। उन्होंने बताया कि जांच व प्रवर्तन की कार्रवाई आगामी दिनों में भी जारी रहेगी। इसके लिए एक टीम गठित कर दी गई है।
एसडीएम ने कहा कि तहसील परिसर में कार्य पारदर्शिता, विधि के अनुरूप और जनहित को प्राथमिकता देते हुए होना अनिवार्य देते हुए हाना है। किसी भी प्रकार की अनधिकृत, अवैध या अनुचित गतिविधि को कतई सहन नहीं किया जाएगा। टीम में सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान व तहसीलदार कुलदीप पांडे भी शामिल रहे।छापे में ये अनियमित्ताएं मिलीं एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि टीम ने तहसील परिसर में कार्यरत व्यक्तियों के अभिलेखों, कार्यप्रणाली एवं दस्तावेजों की गहन जांच की। जांच के दौरान स्टांप वेंडर डीड राइटिंग व पेटिशन ड्राफ्टिंग का कार्य करते मिले। अनिवार्य रजिस्टरों का भी सही से रखरखाव नहीं मिला। वहां मौजूद अनाधिकृत व्यक्तियों के पास आवेदकों के व्यक्तिगत दस्तावेज मिले। डीड राइटर व पेटिशन राइटर द्वारा राइट टू सर्विस आवेदन भरना जैसी अनियमित्ताएं मिली। यह सब नियमों के विरुद्ध है।
एफआईआर के अलावा लाइसेंस भी होगा निरस्त
उपजिलाधिकारी ने कहा कि तहसील परिसर में अनधिकृत एवं अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर होगी। जरूरत पड़ने पर डीड राइटर एवं पेटिशन राइटर लाइसेंस निरस्त करने जैसी कठोर कार्रवाई भी की जाएगी।







