कफ सिरप के अवैध कारोबार मामले में आरोपी शुभम जायसवाल और सीए विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर ईडी ने लगभग 30 घंटे तक जांच की। शनिवार की अपराह्न पौने तीन बजे तक ईडी की टीम ने छानबीन की। इस दौरान शुभम जायसवाल के दो ठिकानों से ईडी की टीम ने 15-15 पेज की दो फाइलों के दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। जांच के दौरान शुभम जायसवाल के सिगरा थाना क्षेत्र के बादशाहबाग कॉलोनी स्थित मकान से ब्रांडेड कंपनी प्राडा, गुच्ची जैसे लग्जरी बैग, राडो, ऑडोमार्स पिगुएट जैसी एक करोड़ तक की महंगी घड़ियां और घर के इंटीरियर पर 2 करोड़ रुपये तक खर्च किए जाने के पुख्ता साक्ष्य ईडी टीम को मिले हैं। ईडी अधिकारियों के अनुसार बरामद सामानों से जुड़े साक्ष्यों के आधार पर वैल्यूएशन कराया जा रहा है।
कार्रवाई तेज
अन्नपूर्णा इंक्लेव कॉलोनी निवासी चार्टर्ड एकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल के कार्यालय से 140 फर्मों से संबंधित डाटा मिला है। लैपटॉप समेत पेन ड्राइव को भी टीम ने खंगाला। सीए की भूमिका फंड लेयरिंग में संदिग्ध मानी जा रही है। बैंक खातों, दस्तावेजों समेत अन्य संपत्तियों की विस्तृत जांच चल रही है। अन्य आरोपियों के ठिकानों से भी कई तरह के महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, जिससे यह माना जा रहा है कि बड़े पैमाने पर कफ सिरप का कारोबार हुआ है।मिर्जापुर पुलिस ने मारा छापा: कफ सिरप तस्करी से जुड़े मामले में शनिवार देर रात मिर्जापुर पुलिस ने कैंट थाना क्षेत्र के फुलवरिया इलाके में छापेमारी की। अदलहाट थानाध्यक्ष अजय सेठ के अनुसार, शिवम दुबे की गिरफ्तारी के लिए कैंट पुलिस के सहयोग से छापेमारी की गई, लेकिन आरोपी फरार मिला। इस कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी रहा कि छापेमारी में शामिल कैंट थाने के सब-इंस्पेक्टर शांतनु मिश्रा को मामले की कोई भी जानकारी नहीं थी और उन्होंने अपने थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा को भी इस कार्रवाई से अवगत नहीं कराया।
शैली ट्रेडर्स के क्रय-विक्रय की खुलेगी कुंडली
कोडीनयुक्त कफ सिरप मामले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त रोशन जैकब के निर्देश पर ड्रग विभाग नए सिरे से कार्रवाई करेगा। अभी तक की हुई कार्रवाई में विभाग के ओर से 98 से अधिक फर्म पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। विभागीय जांच में कफ सिरप का हिमाचल प्रदेश कनेक्शन भी सामने आया है। कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी के कथित सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोला ने रांची से जौनपुर, वाराणसी, सोनभद्र तक अपना कारोबार फैलाया था। इसके अलावा सिरप की बड़ी खेप हिमाचल में भी बनती रही। दिल्ली के बाद हिमाचल प्रदेश से ही पूर्वांचल के अन्य जिलों में सप्लाई जाती थी। ड्रग विभाग अब शैली ट्रेडर्स की कुंडली खंगालने की तैयारी में है। बीते 9 दिसंबर को रामनगर थाना क्षेत्र के सूजाबाद इलाके में मनोज कुमार यादव के गोदाम पर पकड़ा गया 63 लाख का कफ सिरप भी हिमाचल प्रदेश में ही बना था। एसआईटी प्रमुख और एडीसीपी काशी सरवणन टी. इसी जानकारी दी थी।







