Monday, November 10, 2025
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कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा बीजेपी नेता के बेटे की ट्रक से कुचल कर की थी हत्या

रुद्रपुर। बीजेपी नेता के बेटे की ट्रक से कुचल कर हत्या करने वाले दोषी को जिला एवं सत्र न्यायालय की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 71 हजार जुर्माना भी लगाया है. मामले में कोर्ट में 14 गवाह पेश किए गए.6 दिसंबर 2016 को मनोज चौधरी, मां कृष्णा देवी, पिता नानक सिंह और साढ़े 9 साल के भतीजे उत्कर्ष के साथ भूरारनी स्थित अपनी फ्रूट फैक्ट्री में गए हुए थे। कुछ दिनों से उन्हें सूचना मिल रही थी कि कंपनी का अकाउंटेड संदीप राय निवासी सोडी कॉलोनी रुद्रपुर कुछ समय से गड़बड़ी कर रहा है। 5 दिसंबर को जब जांच कराई गई तो पता चला की उसके द्वारा काफी सारे पैसों की हेराफेरी की गई है। जिस पर मनोज ने उसकी शिकायत उपेंद्र चौधरी से करते हुए मुकदमा दर्ज कराने की बात कही थी। जिस पर संदीप द्वारा एक दिन में सभी पैसे जमा करने की बात कही थी।

6 दिसंबर को जब परिवार के साथ वह फैक्ट्री के बाहर दुकान में खड़े थे, तभी संदीप भी वहां पहुंच गया। इस दौरान उसने पैसे जमा करने की बात कही तो वह आग बबूला हो गया. फैक्ट्री के बाहर खड़े ट्रक की चाबी वह अंदर से लेकर आया और ट्रक से उन्हें रौंदना चाहा। इस दौरान ट्रक की चपेट में आने से भतीजा उत्कर्ष की मौके पर मौत हो गई, जबकि मां गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना के बाद संदीप मौके से फरार हो गया। पुलिस ने वादी मनोज चौधरी की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ आईपीसी की 302,307 और 406 के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

लक्सर में पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज। लक्सर में दो साल पहले पथरी क्षेत्र के गांव में हुई युवक की हत्या के मामले में पथरी पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. मामले में कार्रवाई न होने पर मृतक की मां ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसके बाद कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। तब से मामला तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्य की कोर्ट में चल रहा था। इस दौरान अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष 14 गवाह पेश किए गए। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोषी पाते हुए धारा 302 के तहत कठोर आजीवन कारावास की सजा व 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि धारा 307 में 10 वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार जुर्माने की सजा, धारा 406 के तहत तीन वर्ष का कठोर कारावास व एक हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।

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