वाराणसी जिले के लंका थाना क्षेत्र के महेश नगर कॉलोनी में रहने वाले बृजेश तिवारी (75) और उनकी बेटी लता तिवारी (40) ने जहर खा लिया। घटना की जानकारी बृजेश तिवारी के भतीजे के घर पहुंचने पर हुई। उसने पुलिस को घटना की सूचना दी। इस पर नगवा चौकी प्रभारी अभिषेक कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और दोनों को बालाजी नगर स्थित एक अस्पताल में ले गए, जहां चिकित्सकों ने बृजेश तिवारी को मृत घोषित कर दिया। जबकि लता का इलाज चल रहा है। घटना को लेकर मौके पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक लंका राजकुमार शर्मा व नगवा चौकी प्रभारी अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि बृजेश तिवारी पिछले छह वर्षों से पैरालिसिस होने के कारण चलने में असमर्थ थे। उनकी बेटी लता की शादी वर्ष 2014 में हुई थी, लेकिन 2016 में बेटी का तलाक हो गया। इसके बाद बेटी घर पर ही रहती थी।
पुलिस के मुताबिक परिजनों से पूछताछ में पता चला कि बृजेश तिवारी की पत्नी का पिछले कुछ दिनों पहले कूल्हे का ऑपरेशन फोर्ड हॉस्पिटल में हुआ है। घर की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो चुकी है। सोमवार की रात में बृजेश तिवारी की पत्नी कालिंदी को ब्रेन स्ट्रोक हुआ, जिसकी जानकारी बेटे को दी गई तो वह फोन बंद कर दिया। इसके बाद बेटी और पिता ने घर में रखा कीटनाशक पदार्थ पी लिया। बृजेश तिवारी मूल रूप से देवरिया जिले के लार रोड के रहने वाले थे 45 साल पहले शहर में आकर बस गए थे। डाक विभाग में बाबू की नौकरी करते थे। 15 साल पहले रिटायर हुए थे। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। उनका कहना है कि बेटे आनंद के आने के बाद ही पूरे मामले की सच्चाई सामने आएगी।







