देहरादून, 30 दिसंबर 2024 – युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता आरुषि सुंदरियाल ने देहरादून नगर निगम के आगामी मेयर चुनाव के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस मौके पर उन्होंने उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की। आरुषि ने कहा कि पार्टी ने उनके साथ हुई जानलेवा घटनाओं और उनके घर में डकैती जैसे मामलों पर पूरी तरह असंवेदनशील रवैया अपनाया।
कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर आरोप
नामांकन के बाद जारी एक बयान में आरुषि ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ हुई हिंसात्मक घटनाओं में कांग्रेस के कुछ अनौपचारिक सदस्यों का हाथ था। उन्होंने बताया कि 20 अगस्त 2024 को उन्हें जान बचाने के लिए नाइट सूट में घर से भागना पड़ा था, जिसके बाद उनके घर में लूटपाट की गई।
इस घटना को लेकर डालनवाला थाने में शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन पुलिस की उदासीनता के कारण मामला नेहरू कॉलोनी थाने स्थानांतरित करना पड़ा। आरुषि ने पुलिस और कांग्रेस नेतृत्व दोनों पर महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता का आरोप लगाया।
कांग्रेस में गुटबाजी और अंदरूनी कलह
आरुषि ने उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी को इस विवाद की जड़ बताया। उन्होंने कहा कि टिकट आवंटन को लेकर उनके और सोनिया आनंद रावत के गुटों के बीच तनातनी शुरू हुई, जिसने बाद में गंभीर रूप ले लिया।
उन्होंने दावा किया कि 2013 से पार्टी के लिए काम करने के बावजूद उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें नजरअंदाज किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य नेतृत्व ने उन्हें पार्टी से बाहर करने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रीय युवा कांग्रेस में उनकी मजबूत स्थिति के कारण ऐसा नहीं हो सका।
महिलाओं की सुरक्षा पर जोर
आरुषि ने कहा कि उनके व्यक्तिगत अनुभव ने उन्हें महिलाओं की सुरक्षा को अपने चुनावी अभियान का केंद्र बिंदु बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिलाओं को अपराध से बचाने और आश्रय गृह स्थापित करने जैसे ठोस उपायों पर जोर दिया।
आरुषि ने मेयर चुनाव में उतरने को महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बताया। उन्होंने कहा, “राजनीतिक दल महिलाओं को केवल वोट बैंक के रूप में देखते हैं। मैं महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए एक जिम्मेदार नेतृत्व प्रदान करना चाहती हूं।”
भाजपा और कांग्रेस दोनों पर निशाना
आरुषि ने सत्तारूढ़ भाजपा पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस की धीमी कार्रवाई अपराधियों को प्रोत्साहन देती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल साबित हुए हैं।
चुनाव में बड़ी चुनौती
देहरादून नगर निगम के मेयर पद के लिए आरुषि का निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला न केवल उनके संघर्ष को उजागर करता है बल्कि राज्य की राजनीतिक व्यवस्था और महिला सुरक्षा से जुड़े सवाल भी खड़े करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता उनके इस साहसिक कदम को कैसे स्वीकार करती है और चुनावी नतीजे किस दिशा में जाते हैं।