राष्ट्रीय खेलों के ताइक्वांडो खेल में फिक्सिंग के आरोप लगने पर डीओसी को हटाने के जीटीसीसी के निर्णय को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। तर्क और सुबूतों के बिना शिकायत करने पर कोर्ट ने प्रतियोगिता निदेशक (डीओसी) प्रवीण कुमार और हटाए गए सभी रेफरी और कोचों को बहाल करने के आदेश दिया। ताइक्वांडो में फिक्सिंग की शिकायत पर राष्ट्रीय खेल तकनीकी समिति (जीटीसीसी) ने बिना जांच डीओसी प्रवीण कुमार को हटा दिया था। उनकी जगह पुडुचेरी के एस दिनेश कुमार को डीओसी नियुक्त कर दिया था। साथ ही प्रतियोगिता में लगे ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीएफआई) के 30 कोच और 18 रेफरी को हटाने का आदेश दिया। टीएफआई ने झूठे आरोप लगने पर टीएफआई ने दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि 28 जनवरी और 31 जनवरी को शिकायतें मिली थीं। किसी भी शिकायत के साथ कोई ठोस सामग्री नहीं है, केवल आरोप हैं। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने डीओसी और टीएफआई को प्रतियोगिता के पूरे अधिकार बहाल करने का फैसला सुनाया।
वर्ष 2012 से पहले के थे आरोप
कोर्ट के आदेश में यह बात सामने आई कि जीटीसीसी के पास जो शिकायत आईं, उनमें डीओसी पर साल 2012 से पहले मामलों का जिक्र हैं। कोर्ट ने कहा कि 31 जनवरी की शिकायत में 2012 तक की अवधि के लिए कुछ आरोपों का उल्लेख है। डीओसी को बदलने के लिए कोई तर्क नहीं बताया गया है जो तकनीकी अधिकारियों में से एक नहीं है और फिक्स्चर तय करने में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
हाईकोर्ट ने इंडिया ताइक्वांडो पर उठाए सवाल
मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि भारत में टीएफआई के मान्यता प्राप्त एनएसएफ होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय निकाय (विश्व ताइक्वांडो) ने इंडिया ताइक्वांडो (आईटी) नामक एक अन्य संगठन को मान्यता दी है। बड़ी संख्या में खिलाड़ी आईटी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, लेकिन टीएफआई द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में नहीं।
मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे : फेडरेशन महासचिव
ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव एडवोकेट आरडी मंगेशकर ने कहा कि हम उन व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ अदालत में मानहानि का मुकदमा करेंगे, जिन्होंने मैच फिक्सिंग जैसे झूठे आरोप लगाए। कुछ पदाधिकारियों का नाम लेकर ताइक्वांडो खेल और फेडरेशन की छवि को धूमिल किया गया। ताइक्वांडो एक ओलंपिक खेल है और इलेक्ट्रॉनिक सेंसर पर खेला जाता है। प्रतियोगिता में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है। यह पूरी तरह से पारदर्शी है।